आ लौट के आजा हनुमान

आ लौट के आजा हनुमान,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं।
जानकी के बसे तुममे प्राण,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं॥

लंका जरा के सब को हरा के,
तुम्ही खबर सिय की लाये।
पर्वत उठा के संजीवन ला के,
तुमने लखन जी बचाये।

हे बजरंगी बलवान,
हे बजरंगी बलवान,
तुम्हे हम याद दिलाते हैं॥
आ लौट के आजा हनुमान

जिसको प्रभु ने संघारा।
पहले था रावण एक ही धरा पे,
तुमने सवारे थे काज सारे,
प्रभु को दिया था सहारा।

जग में हे वीर सुजान,
जग में हे वीर सुजान,
सभी तेरे गुण गाते हैं॥
आ लौट के आजा हनुमान

है धरम संकट में धर्म फिर से,
अब खेल कलयुग ने खेले।
हैं लाखों रावण अब तो यहाँ पे,
कब तक लड़े प्रभु अकेले।

जरा देख लगा के ध्यान,
जरा देख लगा के ध्यान,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं॥
आ लौट के आजा हनुमान

है राम जी बिन तेरे अधूरे,
अंजनी माँ के प्यारे।
भक्तो के सपने करने को पूरे,
आजा पवन के दुलारे।

करने जग का कल्याण,
करने जग का कल्याण,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं॥
आ लौट के आजा हनुमान

आ लौट के आजा हनुमान,
तुम्हे श्री राम बुलाते हैं।




Upcoming Festivals & Vrat 2025











The Divine News