(देखो देखो ये गरीबी, ये गरीबी का हाल
कृष्ण के दर पे विश्वास लेके आया हूँ
मेरे बचपन का यार है मेरा श्याम
यही सोच कर मै आस करके आया हूँ)
अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो,
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है
अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो,
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है
भटकते भटकते न जाने कहां से
तुम्हारे महल के करीब आ गया है
अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है
न सर पे है पगड़ी, न तन पे है जामा
बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा
एक बार मोहन से जा कर के कह दो
के मिलने सखा बद-नसीब आ गया है
अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है
सुनते ही दौड़े चले आये मोहन
लगाया गले से सुदामा को मोहन
हुआ रुकमणी को बहुत ही अचंभा
यह मेहमान कैसा अजीब आ गया है
अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है
बराबर में अपने सुदामा बिठाए,
चरण आंसुओं से श्याम ने धुलाए
ना घबराओ प्यारे जरा तुम सुदामा,
ख़ुशी का समां तेरे करीब आ गया है
अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है
अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है