मेरी लाज लाज राखो

मेरी लाज लाज राखो मेरी माई,
तेरी चरण शरण में आई,
माई आई मेरी लाज लाज राखो मेरी माई,

जग में तू लाइ मैं आई,
तू न पराई मैं न पराई,
कलप लता में कली खिली जब मधुवन जग में छाई,
मेरी लाज लाज राखो मेरी माई,

नीला अमबर माँ तेरे आँचल ढलता तराख मेरा जग जल,
तेरे सिवा न जाने कोई ,
अंसुवन की मोग है आई,
मेरी लाज लाज राखो मेरी माई,

पीड़ नीर में नहीं समाये,
शीतिद पार स्वर आये जाए,
कथान मेरी मेरे स्वर ने माँ को तभी सुनाई,
मेरी लाज लाज राखो मेरी माई,




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