चांदनी रात और पुरवा चली है
मीठी मीठी फूलो की खुशबु चली है,
भीड़ भगतो की देखो लगी है,
आया मजा आया तेरे जगराते का,
भज रहे ढोल और भज रही शहनाई,
ज्योत निराली देखो नैना जी की आई,
सती के गिरे थे अंगो में यहाँ नैना,
हॉवे तेरी आरती सुबह और रैना,
जैकारो की गूंजे मची है,
आया मजा आया तेरे जगराते का,
ओड तू चुनरियाँ गले फूलो की माला,.
कोई कहे चंडी माँ कोई कहे माँ ज्वाला,
हाथ में त्रिशूल लिए शेर पे है आई,
ज्योत है निराली देखो ज्वाला जी से आई,
देखो ज्योत ये सोहनी सजी है,
आया मजा आया तेरे जगराते का,
तू है सुख करनी तू है दुःख हरनी,
जग में तुम्हे लोग कहे माता चिंतपूर्णी,
भगतो ने मैया तुझपे आस लगाई,
ज्योत है निराली मियां चिंतपूर्णी से आई,
तूने भगतो की चिंता हरी है,
आया मजा आया तेरे जगराते का,
ऊंचे तेरे पर्वत और कठिन है चढ़ाई ,
गुफा में है वास किया पिंडी में समाई,
भगति की ज्ञान वर्षा तूने है जगाई पावन ये ज्योत तेरी वैष्णो से आई,
देखो कंजके ये सोहनी सजी है ,
आया मजा आया तेरे जगराते का,