एक फकीरा आया शिर्डी गाँव मे

एक फकीरा आया शिर्डी गाँव मे,
आ बैठा एक नीम की ठंडी छाँव मे।

होठो पे मुस्कान है छाले पाब में,
आ बैठा एक नीम की ठंडी छाँव मे॥

कभी अल्लाह अल्लाह बोले,
कभी राम नाम गुण गाये।

कोई कहे संत लगता है,
कोई पीर फ़क़ीर बताये।

कभी अल्लाह अल्लाह बोले,
अल्लाह…, अल्लाह…

कभी अल्लाह अल्लाह बोले,
कभी राम नाम गुण गाये।

कोई कहे संत लगता है,
कोई पीर फ़क़ीर बताये।

जाने किस से बाते करे हवाओ मे
आ बैठा एक नीम की ठंडी छाँव मे

एक फकीरा आया शिर्डी गाँव मे
आ बैठा एक नीम की ठंडी छाँव मे

है कौन कोई ना जाने,
कोई उसको ना पहचाने।

चोला फ़क़ीर का पहना,
देखो जग के दाता ने।

देखो सबकी मांगे खैर दुआओ मे
आ बैठा एक नीम की ठंडी छाँव मे

एक फकीरा आया शिर्डी गाँव मे
आ बैठा एक नीम की ठंडी छाँव मे

वो जिसको हाथ लगायें,
उसका हर दुःख मिट जाए।

वो दे दे जिसे विभूति,
हर ख़ुशी उसे मिल जाए।

कांटे चुग कर, फूल बिछाये राह मे
आ बैठा एक नीम की ठंडी छाँव मे

एक फकीरा आया शिर्डी गाँव मे
आ बैठा एक नीम की ठंडी छाँव मे
ठंडी छाँव मे…., ठंडी छाँव मे….


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