मेरी लाज रखना, दानी दाता साई बाबा

दानी दाता साई बाबा
आया द्वार तुम्हारे।
जी मांग रहा हूँ भिक्षा तुमसे,
दोनों हाथ पसारे॥

मेरी लाज रखना,
मेरी लाज रखना।

रैन अँधेरी राह न सूझे
दूर बहुत है किनारा।
बीच भंवर में नाव पड़ी है,
कोई न मेरा सहारा॥

डगमग डोले टूटी नैया,
कौन है पार उतारे।
सिवा आपके अब ये बालक
किसको और पुकारे॥

मेरी लाज रखना,
मेरी लाज रखना

सबकी विपदा हरने वाले
मत चौकठ से टालो।
अपना सेवक जानके बाबा
चरणों में अपनालो॥

तुमको छोड़कर आखिर जाऊं
मैं किसके दरवाजे।
तुमसे बढ़कर कौन है जग में,
ओ दुनिया के राजे॥

मेरी लाज रखना,
मेरी लाज रखना

भटक चुका हूँ बहुत जगत
की खाते खाते ठोकर।
पाँव बढ़ा दो, पी जाऊँ
मैं चरण तुम्हारे धोकर॥

भक्तो को मिल जाये भिक्षा,
जागे भाग्य सितारे।
और किसी के आगे हम
फिर क्यों हाथ पिसारे॥

मेरी लाज रखना,
मेरी लाज रखना

दानी दाता साई बाबा
आया द्वार तुम्हारे।
मेरी लाज रखना,
मेरी लाज रखना
लाज दुखियां की रख लीजिये।




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