डीग पैलेस व किला

महत्वपूर्ण जानकारी

  • Deeg Palace and Fort
  • Distance of 332 km from Bharatpur district in Rajasthan.
  • Opening Timing : 9am to 5pm, Firday Closed.
  • Nearest Railway Station : The nearest railhead is Bharatpur junction (35 km).
  • Nearest Airport : Nearest airports are at Agra (70 km) and Delhi (200 km).

डीग पैलेस एक महल है यह एक प्राचीन शहर डीग जो कि भरतपुर जिला, राजस्थान से लगभग 32 किलोमीटर कि दूरी पर स्थित है। इस शहर का प्राचीन नाम दीर्घापुर था। स्ंकद पुराण में भी ‘दीर्घ’ या ‘दीर्घापुर’ के रूप में उल्लेख किया गया है। यह हर साल तीन दिनों के लिए सितम्बर माह में मेले का आयोजन किया जाता है।

डीग को भरतपुर राज्य की पहली राजधानी राजा ठाकुर बदन सिंह ने बनाया था। कभी भरतपुर के शासकों का ग्रीष्मकालीन आवास रहे, डीग ने क्षेत्र की भरतपुर राज्य की दूसरी राजधानी बनने की भूमिका निभाई है।

डीग महल को जलमहल के नाम भी प्रसिद्ध है। यह महल जाट शासक महाराजा सूरजमल (1756-63 ई.) तथा जवाहर सिंह (1764-68 ई.) द्वारा बनवाये गये थे।

डीग किला और जलमहल महाराजा सूरजमल के महत्वपूर्ण निर्माण हैं। किले का मुख्य आकर्षण है यहां का निगरानी बुर्ज (वॉच टावर), जहां से न केवल पूरे महल को देखा जा सकता है, बल्कि शहर का नजारा भी लिया जा सकता है। आगरा किले से लूट कर यहां लाई गई तोप के अलावा गहरी खाई, ऊंची दीवारों और मजबूत द्वारों के घिरे अब इस किले के अवशेष मात्र ही देखे जा सकते हैं।

डीग के महलों में चतुष्कोण बनाते हुए बीच में एक बगीचा है जोकि चारबाग शैली में बना हुआ। इसमें फव्वारे लगे हुए हैं और यह महल अपने फव्वारे के लिए प्रसिद्ध है जो आज भी वर्ष में दो बार संचालित किये जाते है।

पूर्व व पश्चिम में दो सरोवर है जिनको गोपाल व रूप सागर कहा जाता है। उत्तर की और नन्द भवन है, पश्चिम में मुख्य इमारत गोपाल भवन है, जो सभी महलों में सर्वाधिक विशाल है। यह तीनों और से दुमंजिला है और बीच में विशाल सभा भवन है। गोपाल भवन से थोडी दूर दो छोटी इमारतें हैं जो सावन-भादों भवन के नाम से जानी जाती हैं। चतुष्कोण के दक्षिण की और उत्तर की तरफ मुंह किये दो महल हैंः (1) पश्चिम में मकराना के संगमरमर से बना सूरज भवन और (2) पूर्व में भूरे बलुआ पत्थर से बना किशन भवन है। इन दोनों महलों के बीच इस मजबूत इमारत की छत पर एक टंकी है जो इन सभी महलों व बगीचों में जल प्रवाह करती है।

 



2024 के आगामी त्यौहार और व्रत











दिव्य समाचार












ENहिं