गुरुद्वारा मजनू का टीला साहिब

महत्वपूर्ण जानकारी

  • Location : Kibar Pass Road and Outer Ring Road, Opposite to Timarpur colony, Delhi 110054,
  • Nerest Metro Station : Vidhan Sabha (Yellow line),
  • Timing : 24 Hours

गुरुद्वारा मजनू का टीला साहिब दिल्ली में तिमार पुर कालोनी के सामने किब्बर पास रोड व बाहरी रिंग रोड पर स्थित है। टीला साहिब गुरूद्वारा युमना नदी के किनारे पर स्थित है। मजनू का टीला गुरुद्वारा दिल्ली में पुराने सिख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह गुरुद्वारा सफेद संगमरमर से बनाया गया है।

ऐसा माना जाता है कि सुल्तान सिकंदर शाह लोदी के शासनकाल (1489-1517) के दौरान यह एक मुस्लिम सूफी यहां रहा करते थे जिसका नाम अब्दुल्ला था। वह अपने नाव से लोगों को बिना किसी शुल्क के यमुना नदी पार कराते थे।

ऐसा कहा जाता है कि वह भगवान की झलक पाने के लिए लालायित रहते थे। वह अपने विचारों में इतने खो गए थे कि लोगों ने उन्हें ‘मजनू’ कहना शुरू कर दिया, जिसका नाम सूफी साहित्य में रहस्यवाद में गहन प्रेम का प्रतीक बन गया है।

जब गुरु नानक देव जी ने इस जगह का दौरा किया तो उनको गुरु नानक देव जी सेे आर्शीवाद व आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई और एक महान गुरु के शिष्य बन गये। एक पहाडी पर यमुना के तट पर उनका ख़ानक़ाह (आश्रम) था जो मजनू का टीला के रूप में जाना जाने लगा। लोग मजनू के दिव्य व्यक्तित्व से बहुत आकर्षित थे। दरअसल गुरु के लिए उज्जवल भावना, समर्पित प्रेम, सदियों का पालन करने के लिए एक उत्कृष्ट केन्द्र के रूप में मिशनरी को धार्मिक स्थल बना दिया।

सिख सैन्य नेता बद्येल सिंह ने सन् 1783 ई यह रूके और मजनू का टीला को एक गुरुद्वारा बनाया गया, जो मजनू का टीला गुरुद्वारा के नाम से जाना जाने लगा। छठे सिख गुरु, गुरु हर गोबिंद जी (1595-1644 ई) भी यह रूके थे जब उन्हे सम्राट जहांगीर ने बुलाया गया था।

महाराजा रणजीत सिंह ने इस गुरुद्वारा का निर्माण करवाया और इसे अपनी जागीर से होने वाली आय को इस ऐतिहासिक गुरुद्वारा के रखरखाव मे खर्च किया था। 1950 में दिल्ली संगत ने इस गुरुद्वारा को एक बड़ा गुरुद्वारा बनवाया था।



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