तरवर तास बिलम्बिए, बारह मांस फलंत ।सीतल छाया गहर फल, पंछी केलि करंत ॥
अर्थ: कबीर कहते हैं कि ऐसे वृक्ष के नीचे विश्राम करो, जो बारहों महीने फल देता हो .जिसकी छाया शीतल हो , फल सघन हों और जहां पक्षी क्रीडा करते हों !