चलो भोले बाबा के द्वारे, सब दुःख कटेंगे तुम्हारे,
भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा ।
चढ़ा एक शिकारी देखो बिल्व वृक्ष पर, करने को वो शिकार,
शिव चौदस की पावन वह रात थी ।
अनजाने में हुआ पहर पूजा संस्कार,
हुए बाबा परकट बोले मांगो वरदान ।
दर्शन कर शिकारी को हो आया वैराग्य ज्ञान,
कर बध कर वो बोला, हरी ओम हरी ओम ।
हरी ओम हरी ओम, हरी ओम हरी ओम,
कर बध कर वो बोला, दो मुझे भक्ति वरदान,
बने बाबा उसके सहारे, सब दुःख कटेंगे तुम्हारे ॥
चलो भोले बाबा के द्वारे, सब दुःख कटेंगे तुम्हारे,
भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा ।