जब फागुन मेला आए,
श्री श्याम ध्वजा लहराये,
कोई ये तो बताये मुझे ये काया हुआ है,
ओ मेरा दिल क्यों मचला जाये,
जब फागुन मेला आए
रंग रंगीला फागण महीना मेरे मन को भाये,
रात या दिन हो हर पल मुझको तेरी याद ही आये,
कोई ये तो बताये मुझे ये क्या हुआ है,
हो मेरा दिल को मचला जाये ,
जब फागुन मेला आए.....
उनके दर्श को हर पल मेरी अँखियाँ तरस रही है,
शुभम रूपम फागण की मस्ती हम पे बरस रही है,
कोई ये तो बताये मुझे ये क्या हुआ है,
मेरा दिल क्यों मचला जाये,
जब फागुन मेला आए