कैसा प्यारा ये दरबार है, जहाँ भगतो की भरमार है – २
सबके मालिक ये सरकार है, जिनकी दुनिया को दरकार है
कैसा प्यारा ये दरबार है, जहाँ भगतो की भरमार है
सबके मालिक ये सरकार है, जिनकी दुनिया को दरकार है
कैसा प्यारा ये दरबार है…..
तेरे दरबार में सबको हर सुख मिले, तेरी किरपा से ही श्याम जीवन चले – २
ऐसे दानी है दातार है, सबके भर देते भंडार है – २
सबके मालिक ये सरकार है, जिनकी दुनिया को दरकार है
कैसा प्यारा ये दरबार है…..
श्याम साथी हो तो काम अटके नहीं, और मझदार में कभी भटके नहीं – 2
अपने भगतो पे करने दया, रहते हरदम ये तैयार है – 2
सबके मालिक ये सरकार है, जिनकी दुनिया को दरकार है
कैसा प्यारा ये दरबार है…..
जो भी आये यहाँ सच्चे विश्वास से, खाली लौटे नहीं दानी के पास से – 2
ओम चरणों में संसार है, यहाँ अमृत की बौछार है – 2
सबके मालिक ये सरकार है, जिनकी दुनिया को दरकार है
कैसा प्यारा ये दरबार है, जहाँ भगतो की भरमार है – २
सबके मालिक ये सरकार है, जिनकी दुनिया को दरकार है
कैसा प्यारा ये दरबार है…..