मुगल गार्डन दिल्ली में सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक उद्यानों में से एक है और विभिन्न प्रकार के फूलों के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें से कुछ फूलों की जाति तो बहुत दुर्लभ और कुछ विलुप्त हैं। मुगल गार्डन विश्व में अकेला ऐसा गार्डन है जिसमें विश्वभर के रंग-बिरंगे फूलों को देखा जा सकता है। मुगल गार्डन दिल्ली के केंद्र में स्थित राष्ट्रपति भवन के परिसर में भवन के पीछे के भाग में स्थित है और इस गार्डन को लॉर्ड हार्डिंगे की पत्नी लेडी हार्डिंगे के लिए बनाया गया था और प्रसिद्ध वास्तुकार सर ऐडविन लुटियंस ने इसे बनाया था। सर एडविन लुटियंस ने 1917 की शुरुआत में मुगल गार्डन के डिजाइन को अंतिम रूप दिया था, हालांकि, यह केवल 1928-1929 के दौरान ही पौधे लगाए गए थे। यह गार्डन लगभग 15 एकड़ में जमीन बना हुआ है।
यह उद्यान चार भागों में बंटा हुआ है और चारों एक दूसरे से भिन्न एवं अनुपम हैं। यहां कई छोटे-बड़े बगीचे हैं जैसे पर्ल गार्डन, बटरफ्लाई गार्डन और सकरुलर गार्डन, आदि। बटरफ्लाई गार्डन में फूलों के पौधों की बहुत सी पंक्तियां लगी हुई हैं। यह माना जाता है कि तितलियों को देखने के लिए यह जगह सर्वोत्तम है। मुगल उद्यान में अनेक प्रकार के फूल देखे जा सकते हैं जिसमें गुलाब, गेंदा, स्वीट विलियम आदि शामिल हैं। इस बाग में फूलों के साथ-साथ जड़ी-बूटियां और औषधियां भी उगाई जाती हैं। इनके लिये एक अलग भाग बना हुआ है, जिसे औषधि उद्यान कहते हैं। मुगल गार्डन में बोने नट व ओकलाहोमा सहित अकेले गुलाब की ही 250 से भी अधिक किस्में हैं।
बनावट के आधार पर मुगल गार्डन के चार भाग हैं -
वर्तमान में राष्ट्रपति भवन के उद्यानों के विकास और रखरखाव के लिए तीन सौ से अधिक स्थायी और आकस्मिक कर्मचारी तैनात किए गए हैं। मुगल उद्यान वसंत ऋतु में एक माह के लिये पर्यटकों के लिए खुलता है।
मुगल गार्डन केवल फरवरी और मार्च के महीनों में सोमवार को छोड़कर सभी दिनों में 10ः00 बजे से शाम 4ः00 बजे तक आम जनता के लिए खुला है, जब फूल अपने पूर्ण खिलने में हैं। पेयजल, शौचालय, प्राथमिक चिकित्सा, चिकित्सा सुविधा और वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और बच्चों के लिए आराम कमरे के लिए व्यवस्था प्रदान की जाती है।
4 फरवरी को ‘उद्यानोत्सव’ के हिस्से के रूप में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उद्यान का उद्घाटन करेंगे।