गणेश मंत्र हिंदू धर्म में हाथी के सिर वाले देवता भगवान गणेश को समर्पित शक्तिशाली मंत्र हैं, जो बाधाओं को दूर करने वाले, कला और विज्ञान के संरक्षक और ज्ञान और बुद्धि के देवता के रूप में प्रतिष्ठित हैं। जीवन के विभिन्न पहलुओं में भगवान गणेश का आशीर्वाद और मार्गदर्शन पाने के लिए इन मंत्रों का गहरी भक्ति के साथ उच्चारण या जाप किया जाता है। एक सहज और सफल यात्रा सुनिश्चित करने के लिए अक्सर आध्यात्मिक प्रथाओं, अनुष्ठानों या महत्वपूर्ण जीवन की घटनाओं की शुरुआत में इनका पाठ किया जाता है।
गणेश मंत्र रूप और उद्देश्य में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन उनका मुख्य उद्देश्य भगवान गणेश की दिव्य उपस्थिति का आह्वान करना और जीवन की भौतिक और आध्यात्मिक दोनों चुनौतियों पर काबू पाने में उनकी मदद का अनुरोध करना है। गणेश मंत्रों का पाठ करने के पीछे कुछ सामान्य उद्देश्यों में ज्ञान प्राप्त करना, प्रयासों में सफलता, बाधाओं को दूर करना, समृद्धि प्राप्त करना और दैवीय सुरक्षा प्राप्त करना शामिल है।
भक्तों का मानना है कि गणेश मंत्रों का नियमित जाप विचारों में स्पष्टता ला सकता है, ध्यान केंद्रित कर सकता है और बाधाओं को दूर करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक शक्ति प्रदान कर सकता है। मंत्रों को सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है और अक्सर भगवान गणेश के आशीर्वाद का आह्वान करने और खुद को दैवीय शक्तियों के साथ संरेखित करने के लिए ध्यान, प्रार्थना और अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता है। गणेश मंत्रों का हिंदू आध्यात्मिकता में एक विशेष स्थान है और आत्मविश्वास को प्रेरित करने और जीवन की चुनौतियों का सामना करने का साहस प्रदान करने की उनकी क्षमता के लिए मूल्यवान हैं।
॥ ॐ गं गणपतये नमः ॥
गणेश जी का यह मंत्र चमत्कारिक माना गया है, यह शीघ्र ही फल देने वाला मंत्र हैं। इस मंत्र का पूर्ण भक्तिपूर्वक जाप करने से समस्त बाधाएं दूर होती हैं।
॥ ॐ वक्रतुंडाय हुम् ॥
किसी के द्वारा कि गई तन्त्र क्रिया को नष्ट करने के लिए, व कामनाओं की शीघ्र पूर्ति के लिए उच्छिष्ट गणपति कि साधना की जाती हैं। उच्छिष्ट गणपति के मंत्र का जाप अक्षय भंडार प्रदान करने वाला हैं।
॥ ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा ॥
आलस्य, निराशा, कलह, विघ्न दूर करने के लिए विघ्नराज रूप की आराधना का यह मंत्र जपे
॥ ॐ गं क्षिप्रप्रसादनाय नम: ॥
इस मंत्र जाप से कर्म बंधन, रोग निवारण, कुबुद्धि, कुसंगत्ति, दूर्भाग्य, से मुक्ति होती हैं। समस्त विघ्न दूर होकर धन, आध्यात्मिक चेतना के विकास एवं आत्मबल की प्राप्ति के लिए हेरम्बं गणपति का मंत्र जपे।
॥ ॐ गूं नम: ॥
रोजगार की प्राप्ति व आर्थिक समृध्दि प्राप्त होकर सुख सौभाग्य प्राप्त होता हैं।
॥ ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गण्पतये वर वरदे नमः ॐ तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात ॥
यह मन्त्र लक्ष्मी प्राप्ति एवं व्यवसाय बाधाएं दूर करने हेतु उत्तम मान गया हैं।
॥ ॐ गीः गूं गणपतये नमः स्वाहा ॥
इस मंत्र के जाप से समस्त प्रकार के विघ्नो एवं संकटो का का नाश होता हैं।
॥ ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा ॥
प्रेम विवाह की बाधाओं को दूर करने के लिए व शीघ्र विवाह के लिए यह मन्त्र बहुत ही लाभकारी है।
॥ ॐ वक्रतुण्डेक द्रष्टाय क्लीं हीं श्रीं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मं दशमानय स्वाहा ॥
विवाह में आने वाले दोषो को दूर करने वालों को त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्र का जप करने से शीघ्र विवाह व अनुकूल जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।
॥ ॐ वर वरदाय विजय गणपतये नमः ॥
इस मंत्र के जाप से मुकदमे में सफलता प्राप्त होती हैं।
॥ ॐ गं गणपतये सर्वविघ्न हराय सर्वाय सर्वगुरवे लम्बोदराय ह्रीं गं नमः ॥
लड़ाई-झगड़ें वाद-विवाद, कोर्ट कचहरी में विजय प्राप्ति, शत्रु भय से छुटकारा पाने हेतु।
॥ ॐ नमः सिद्धिविनायकाय सर्वकार्यकर्त्रे सर्वविघ्न प्रशमनाय सर्व राज्य वश्य कारनाय सर्वजन सर्व स्त्री पुरुषाकर्षणाय श्री ॐ स्वाहा ॥
इस मंत्र का जाप यात्रा में सफलता प्राप्ति हेतु प्रयोग किया जाता हैं।
॥ ॐ हुं गं ग्लौं हरिद्रा गणपत्ये वरद वरद सर्वजन हृदये स्तम्भय स्वाहा ॥
यह हरिद्रा गणेश साधना का चमत्कारी मंत्र हैं।
॥ ॐ ग्लौं गं गणपतये नमः ॥
गृह कलेश निवारण एवं घर में सुखशान्ति कि प्राप्ति हेतु।
॥ ॐ गं लक्ष्म्यौ आगच्छ आगच्छ फट् ॥
इस मंत्र के जाप से दरिद्रता का नाश होकर, धन प्राप्ति के योग बनने लगते हैं।
॥ ॐ गणेश महालक्ष्म्यै नमः ॥
व्यापार से सम्बन्धित बाधाएं एवं परेशानियां निवारण एवं व्यापर में निरंतर उन्नति हेतु।
॥ ॐ गं रोग मुक्तये फट् ॥
यदि असाध्य रोगों से परेशानी हो रही हो, उचित ईलाज कराने पर भी लाभ प्राप्त नहीं हो रहा हो, तो पूर्ण विश्वास सें मंत्र का जाप करने से या जानकार व्यक्ति से जाप करवाने से धीरे-धीरे रोगी को रोग से छुटकारा मिलता हैं।
॥ ॐ अन्तरिक्षाय स्वाहा ॥
इस मंत्र के जाप से मनोकामना पूर्ति के अवसर प्राप्त होने लगते हैं।
॥ गं गणपत्ये पुत्र वरदाय नमः ॥
इस मंत्र के जाप से उत्तम संतान कि प्राप्ति होती हैं।
॥ ॐ वर वरदाय विजय गणपतये नमः ॥
इस मंत्र के जाप से मुकदमे में सफलता प्राप्त होती हैं।
॥ ॐ श्री गणेश ऋण छिन्धि वरेण्य हुं नमः फट ॥
यह ऋण हर्ता मंत्र हैं, इस मंत्र का नियमित जाप से गणेश जी प्रसन्न होते है, जिससें साधक का ऋण(कर्ज) चुकता होता है, कहा जाता है, कि जिसके घर में एक बार भी इस मंत्र का उच्चारण हो जाता है, उसके घर में कभी भी ऋण या दरिद्रता नहीं आ सकती।