भारत में एक ऐसा मंदिर का निर्माण किया गया है। जो भारत की आजादी के लिए क्रांतिकारी के नाम से भी जाने जाते है इनका नाम पूरे विश्व में आदर के साथ लिया जाता है। यह मंदिर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लिए बनाया गया है। यह मंदिर भारत के राज्य उत्तर प्रदेश, वाराणसी में स्थित है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि इस मंदिर में सुभाष चंद्र बोस की पूजा की जाती है। इस मंदिर कि एक विशेषता और है, इस मंदिर का पूजारी एक दलित महिला है, जिसका नाम खुशी रमन भारतवंशी है। जो सुबह और श्याम सुभाष चंद्र बोस कि मूर्ति का आरती करती है।
मंदिर में आरती के लिए भारत माता की प्रार्थना और आजाद हिन्द सरकार का राष्ट्रगान गाई जाती है। इस गान प्रतिदिन सुबह और श्याम किया जाता है।
सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 ई. में हुआ था। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आज़ाद हिन्द फौज बनाई थी। सुभाष चंद्र बोस की मौत का रहस्य आज भी बना हुआ। 23 जनवरी 2020 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 124 जयंती थी। इस उपलक्ष्य पर मंदिर का निर्माण किया गया था। इस मंदिर का 23 जनवरी 2020 को जनता के खोल दिया गया है। इस मंदिर का निर्माण कार्य डाॅ. राजीव श्रीवास्तव द्वारा कराया गया है।
मंदिर का बनाने में तीन रंग का प्रयोग किया गया है, लाल, सफेद और काला। मंदिर की दीवारों में नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े इतिहास को पढ़ा जा सकता है।