गोविंददेव मंदिर वृंदावन के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह एक हिन्दू मंदिर है जोकि भारत के राज्य उत्तर प्रदेश, मथुरा, वृंदावन में स्थित है। यह मंदिर वृंदावन में स्थित वैष्णव मंदिर है। इस मंदिर की भव्यता व सुन्दरता शानदार है। यह मंदिर लगभग 400 वर्ष पुराना है। इस मंदिर को गोविंदजी मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण जी को पूर्णतयः समर्पित है। मंदिर के निर्माण में लाल पत्थर का प्रयोग किया था। इस मंदिर का निर्माण 1590 ई. में किया गया था। मंदिर के शिलालेख ये यह जानकारी मिलती है कि मंदिर का निर्माण आमेर (जयपुर, राजस्थान) के राजा भगवान दास के पुत्र राजा मानसिंह ने किया था। इस मन्दिर की शिल्प रूपरेखा का निरीक्षण रूप गोस्वामी और सनातन गुरु, कल्यानदास (अध्यक्ष), माणिक चन्द्र चोपड़ा (शिल्पी), गोविन्द दास और गोरख दास (कारीगर) के निर्देशन में हुआ।
गोविंददेव मंदिर को औरगंजेब के राज में काफी छतिग्रस्त कर दिया गया था। 1873 ई. में इस मंदिर का पुनः निर्माण किया गया था। सर विलियम मूर ने इस मंदिर को पुरात्तव विभाग को देना चाहा परन्तु उनसे मंदिर के लिए कोई अनुदान नहीं मिला था। तब इस मंदिर के पुननिर्माण हेतु जयपुर नेरश का पत्र लिखा था। तब नरेश ने 5000 का अनुदान दिया था। सर जॉर्ज काउपर ने सन् 1877 ई० के मार्च माह तक मन्दिर को नया रूप दिया।
गोविंदजी मंदिर में श्री कृष्णजन्मष्टमी बहुत ही धुमधाम से मनाई जाती है। भगवान श्री कृष्ण को लड्डू को प्रसाद चढ़ाया जाता है।