यम द्वितीया 2023

महत्वपूर्ण जानकारी

  • यम द्वितीया 2023
  • बुधवार, 15 नवंबर 2023
  • द्वितीया तिथि आरंभ: 14 नवंबर 2023 दोपहर 2:36 बजे
  • द्वितीया तिथि समाप्त: 15 नवंबर 2023 दोपहर 1:47 बजे

यम द्वितीया, जिसे यम द्वितीया या भाई दूज के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो हिंदू महीने कार्तिक में उज्ज्वल पखवाड़े (शुक्ल पक्ष) के दूसरे दिन मनाया जाता है। यह त्योहार आम तौर पर दिवाली के दो दिन बाद आता है, जो रोशनी का त्योहार है। यम द्वितीया का विशेष महत्व है क्योंकि यह भाइयों और बहनों के बीच के बंधन को मजबूत करने पर केंद्रित है।

यम द्वितीया पर, मृत्युलोक के दिव्य शासक, भगवान यमराज की पूजा की जाती है, और उनके साथ, चित्रगुप्त और यम-दूत, जो भगवान यमराज के समर्पित सेवक हैं, की भी पूजा की जाती है।

यम द्वितीया से जुड़े मुख्य रीति-रिवाजों और परंपराओं में शामिल हैं:

  • भाई-बहन का बंधन: यम द्वितीया मुख्य रूप से भाइयों और बहनों के बीच के रिश्ते का जश्न मनाती है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की भलाई और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं और बदले में भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का वादा करते हैं और उन्हें प्यार और स्नेह के प्रतीक के रूप में उपहार देते हैं।
  • अनुष्ठान: बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक (सिंदूर से बना एक निशान) लगाती हैं, आरती करती हैं (दीपक के साथ एक अनुष्ठान), और अपने भाइयों के लिए मिठाई बनाती हैं। बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं, जिसमें पैसे से लेकर कपड़े या स्नेह के अन्य प्रतीक शामिल हो सकते हैं।
  • यम और यमुना की कथा: इस त्योहार की जड़ें हिंदू पौराणिक कथाओं में हैं, जहां यह माना जाता है कि इस दिन यमराज (मृत्यु के देवता) अपनी बहन यमुना से मिलने आए थे। यमुना ने अपने भाई का स्वागत आरती और विशेष भोजन से किया। उसके प्रेम और आतिथ्य से प्रभावित होकर यमराज ने उसे वरदान दिया कि जो कोई भी इस दिन यमुना नदी में स्नान करेगा और उसकी पूजा करेगा, उसे मृत्यु का भय नहीं सताएगा।
  • क्षेत्रीय विविधताएँ: यम द्वितीया को भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों और रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है। कुछ क्षेत्रों में इसे भाई दूज के नाम से जाना जाता है, जबकि अन्य में इसे भाव बिज या भाई टीका कहा जाता है। भाई-बहनों के बीच के बंधन का जश्न मनाने का मुख्य विषय एक ही है, लेकिन परंपराएँ भिन्न हो सकती हैं।
  • दावत: यम द्वितीया दावत का भी दिन है, और परिवार विशेष भोजन और मिठाइयों का आनंद लेने के लिए एक साथ आते हैं, जिससे एकजुटता की भावना मजबूत होती है।

यम द्वितीया एक सुंदर त्योहार है जो परिवार के भीतर, विशेषकर भाइयों और बहनों के बीच प्यार, देखभाल और सुरक्षा के महत्व पर जोर देता है। यह स्नेह व्यक्त करने और उनके बीच मौजूद मजबूत बंधन का जश्न मनाने का समय है।





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