अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में,
और हार तुम्हारे हाथों में
अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में,
और हार तुम्हारे हाथों में
मेरा निश्चय बस एक यही,
एक बार तुम्हे मैं पा जाऊं
अर्पण कर दूँ दुनिया भर का,
सब प्यार तुम्हारे हाथों में
अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में,
और हार तुम्हारे हाथों में
जो जग में रहूँ, तो ऐसे रहूँ,
ज्यों जल में कमल का फूल रहे
मेरे गुण दोष समर्पित हों,
भगवान तुम्हारे हाथों में
अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में,
और हार तुम्हारे हाथों में
यदि मानुष का मुझे जनम मिले,
तव चरणों का मै पुजारी बनू
इस पूजक की एक एक रग का,
सब तार तुम्हारे हाथों में
अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में,
और हार तुम्हारे हाथों में
जब जब संसार का कैदी बनू,
निष्काम भाव से कर्म करूँ
फिर अंत समय में प्राण तजू,
निराकार तुम्हारे हाथों में
अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में,
और हार तुम्हारे हाथों में
मुझ में तुझ में बस भेद यही,
मैं नर हूँ, आप नारायण हो
मैं हूँ संसार के हाथों में,
संसार तुम्हारे हाथों में
अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में,
और हार तुम्हारे हाथों में
अब सौंप दिया इस जीवन का,
सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में,
और हार तुम्हारे हाथों में