करता केरे गुन बहुत औगुन कोई नाहिं।जे दिल खोजों आपना, सब औगुन मुझ माहिं ॥
अर्थ: प्रभु में गुण बहुत हैं – अवगुण कोई नहीं है.जब हम अपने ह्रदय की खोज करते हैं तब समस्त अवगुण अपने ही भीतर पाते हैं.