

यदाद्रि श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी तिरुकल्याणम एक दिव्य उत्सव है जो तेलंगाना के यदाद्रि भुवनगिरी जिले में स्थित यदागिरिगुट्टा के पवित्र पहाड़ी शहर में मनाया जाता है। यह भगवान नरसिम्हा और देवी लक्ष्मी के दिव्य विवाह का उत्सव है, जो हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं।
यह उत्सव 11 दिनों तक चलता है और हर साल फाल्गुन महीने (फरवरी-मार्च) में आयोजित किया जाता है। इस दौरान, मंदिर को रंगीन रोशनी और फूलों से सजाया जाता है, और भक्त भगवान नरसिम्हा और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद लेने के लिए दूर-दूर से आते हैं।
यदाद्रि श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर तेलंगाना के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान नरसिम्हा के नौ रूपों को समर्पित है, जिन्हें नव नरसिम्हा के नाम से जाना जाता है।
यह मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है, जो द्रविड़ और काकतीय शैली का मिश्रण है। मंदिर में कई सुंदर मूर्तियां और नक्काशी हैं, जो हिंदू पौराणिक कथाओं के दृश्यों को दर्शाती हैं।
तिरुकल्याणम एक पवित्र उत्सव है जो भगवान नरसिम्हा और देवी लक्ष्मी के दिव्य विवाह का खुशी मानते है। यह माना जाता है कि इस उत्सव में भाग लेने से भक्तों को सौभाग्य, समृद्धि और खुशी मिलती है।
यह उत्सव हिंदू संस्कृति और परंपरा का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें भगवान के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।
यदि आप एक आध्यात्मिक अनुभव की तलाश में हैं, तो यदाद्रि श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी तिरुकल्याणम में भाग लेना एक शानदार अवसर है।