श्रावण व्रत 2024

महत्वपूर्ण जानकारी

  • श्रवण व्रतम 2024
  • शनिवार, 09 नवंबर 2024
  • श्रवण नक्षत्र आरंभ: 08 नवंबर 2024 दोपहर 12:03 बजे
  • श्रवण नक्षत्र समाप्त: 09 नवंबर 2024 सुबह 11:47 बजे

श्रावण व्रत वैष्णव भक्तों द्वारा मनाया जाने वाला एक विशेष व्रत है। यह व्रत प्रत्येक माह श्रवण नक्षत्र के दिन होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से बहुत आशीर्वाद मिलता है। श्रावण का व्रत करने से भगवान विष्णु के कृपा और आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। श्रावण व्रत के दिन मंदिरों में भगवान विष्णु के लिए विशेष अभिषेक, पूजा और आरती आयोजित की जाती है।

श्रावण व्रत का महत्व

श्रावण व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और हिंदुओं के बीच सबसे लोकप्रिय व्रतों में से एक है। कई हिंदू धार्मिक ग्रंथों और पुराणों, विशेषकर विष्णु पुराण में इसके महत्व पर प्रकाश डाला गया है।

किंवदंतियों के अनुसार, श्रवण नक्षत्र को 'भगवान वेंकटेश्वर के नक्षत्र' के रूप में जाना जाता है। इसलिए यह दिन तिरुमाला, तिरुपति में विशेष रूप से शुभ होता है। इस दिन 'ओपिल्लियप्पन मंदिर' में 'दीपम' समारोह प्रसिद्ध है। पूरे भारत में, विशेषकर दक्षिणी क्षेत्रों में, विष्णु मंदिरों में विशेष पूजा और अभिषेक किए जाते हैं।

श्रावण व्रत क्यों महत्वपूर्ण है?

हिंदू धर्म में, श्रावण मास को भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करने के लिए एक आदर्श समय माना जाता है। इस महीने के दौरान की गई पूजा और अनुष्ठान अत्यधिक फलदायी माने जाते हैं।

पारंपरिक हिंदू कैलेंडर में श्रावण 5वां महीना है और इसे 'कार्तिक' महीने के समान ही पवित्र माना जाता है। यह शुभ 'चातुर्मास' अवधि की शुरुआत का भी प्रतीक है।

माना जाता है कि जो लोग श्रद्धापूर्वक श्रावण व्रत का पालन करते हैं, उन्हें सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है और वे 'मोक्ष' (मुक्ति) प्राप्त कर सकते हैं और भगवान विष्णु के स्वर्गीय निवास 'वैकुंठ' में स्थान पा सकते हैं।

श्रावण व्रत के दौरान अनुष्ठान

  • श्रावण व्रत का व्रत एकादशी व्रत के समान होता है। भक्त श्रावण व्रत के दिन सूर्योदय से अगले दिन की सुबह तक 24 घंटे का उपवास करते हैं।
  • व्रत रखने वालों के लिए मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन सख्त वर्जित है।
  • अगली सुबह भगवान को 'नैवेद्यम' (भोजन प्रसाद) चढ़ाकर व्रत तोड़ा जाता है। जो लोग सख्त उपवास रखते हैं उन्हें अगले दिन केवल तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
  • श्रावण व्रत पर 'पंच सूक्तम' या 'श्री विष्णु सहस्रनाम' का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान वेंकटेश्वर या भगवान नारायण को समर्पित मंदिरों में 'दीपम' जलाना अत्यधिक सराहनीय है।

2024 में श्रावण व्रत तिथियों की सूची

मंगलवार, 25 जून 2024
श्रवण नक्षत्र प्रारंभ: 24 जून 2024 अपराह्न 3:54 बजे
श्रवण नक्षत्र समाप्त: 25 जून 2024 दोपहर 02:32 बजे

सोमवार, 22 जुलाई 2024
श्रवण नक्षत्र प्रारंभ: 22 जुलाई 2024 प्रातः 12:14 बजे
श्रवण नक्षत्र समाप्त: 22 जुलाई 2024 रात्रि 10:21 बजे

सोमवार, 19 अगस्त 2024
श्रवण नक्षत्र प्रारंभ: 18 अगस्त 2024 प्रातः 10:15 बजे
श्रवण नक्षत्र समाप्त: 19 अगस्त 2024 प्रातः 08:10 बजे

रविवार, 15 सितम्बर 2024
श्रवण नक्षत्र प्रारंभ: 14 सितंबर 2024 को रात्रि 08:32 बजे
श्रवण नक्षत्र समाप्त: 15 सितंबर 2024 शाम ​​06:49 बजे

शनिवार, 12 अक्टूबर 2024
श्रवण नक्षत्र आरंभ: 12 अक्टूबर 2024 प्रातः 05:25 बजे
श्रवण नक्षत्र समाप्त: 13 अक्टूबर 2024 प्रातः 04:27 बजे

शनिवार, 09 नवंबर 2024
श्रवण नक्षत्र आरंभ: 08 नवंबर 2024 दोपहर 12:03 बजे
श्रवण नक्षत्र समाप्त: 09 नवंबर 2024 पूर्वाह्न 11:47 बजे

शुक्रवार, 06 दिसम्बर 2024
श्रवण नक्षत्र आरंभ: 05 दिसंबर 2024 शाम ​​05:26 बजे
श्रवण नक्षत्र समाप्त: 06 दिसंबर 2024 शाम ​​05:18 बजे




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