भगवद गीता अध्याय 3, श्लोक 14

अन्नाद्भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसम्भव: |
यज्ञाद्भवति पर्जन्यो यज्ञ: कर्मसमुद्भव: || 14||

सभी जीवित प्राणी भोजन पर निर्वाह करते हैं, और भोजन बारिश से उत्पन्न होता है। बारिश बलिदान के प्रदर्शन से आती है, और बलिदान निर्धारित कर्तव्यों के प्रदर्शन से उत्पन्न होता है।

शब्द से शब्द का अर्थ:

अन्नत - भोजन से
भाववंती - निर्वाह
भूतानि - जीवित प्राणी
पारिजात - वर्षा से
अन्ना - खाद्यान्न का
सम्भव: - उत्पादन
यज्ञ - यज्ञ के प्रदर्शन से
भवति - संभव हो जाता है
पर्जन्यो - बारिश
यज्ञ: - यज्ञ का प्रदर्शन
कर्म - निर्धारित कर्तव्य
समुद्भव: - का जन्म



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