राम मंदिर अयोध्या

महत्वपूर्ण जानकारी

  • पता: साई नगर, अयोध्या, उत्तर प्रदेश 224123
  • मंदिर खुलने और बंद होने का समय: गर्मी - सुबह 07.30 से 11.30 बजे और शाम 04.30 से 09.30 बजे तक।
  • सर्दी - सुबह 09:00 बजे से 11:00 बजे तक और शाम 04:00 बजे से रात 9:00 बजे तक।
  • निकटतम रेलवे स्टेशन: राम मंदिर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर अयोध्या रेलवे स्टेशन।
  • निकटतम हवाई अड्डा: राम मंदिर से लगभग 146 किलोमीटर की दूरी पर लखनऊ हवाई अड्डा।
  • जाने का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर-फरवरी घूमने का सबसे अच्छा समय है और (सुबह-सुबह, सुबह 8:00 बजे से पहले)।
  • प्राथमिक देवता: राम
  • महत्वपूर्ण त्योहार: राम नवमी, दशहरा और दिवाली।
  • दुसरे नाम: अयोध्या मंदिर, अयोध्या राम लला मंदिर।
  • जिला: फैजाबाद,
  • क्या आप जानते हैं: राम जन्मभूमि एक विवादित जगह है जो हिंदुओं और मुसलमानों के बीच है। सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर बनाने का फैसला दिया था.

राम जन्मभूमि वह स्थान है जहां पर भगवान विष्णु ने 7वां अवतार भगवान राम के रूप में जन्म लिया था। यहां स्थान अयोध्या शहर, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। राम जन्मभूमि पर भगवान राम को समर्पित मंदिर है। यह एक विवादित स्थान है जो हिन्दू और मुसलमान के बीच है।

हिन्दूओं की पवित्र ग्रंथ रामायण में कहा गया है कि राम का जन्मस्थान अयोध्या शहर में सरयू नदी के तट पर है। हिंदू का एक वर्ग दावा करता है कि श्रीराम का जन्मस्थान की सही जगह वहीं है जहां बाबरी मस्जिद बनी हुई है।

राम मंदिर को पहली बार 15वीं शताब्दी में भारत आये प्रथम मुगल शासक बाबर के कमांडर मीर बाकी ने मंदिर को ध्वस्त कर इस स्थान पर एक मस्जिद का निर्माण किया था। ऐसा माना जाता है। यह स्थान 1528 से 1853 तक मुसलमानों के लिए एक धार्मिक स्थान था।

बाबरी मस्जिद व राम जन्म भूमि के इतिहास और स्थान पर राजनीतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक-धार्मिक बहस, जहां इस स्थान पर पहले मंदिर था और मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया या इसे बनाने के लिए संशोधित किया गया, जिसे अयोध्या विवाद कहा जाता है।

1992 में, हिंदू राष्ट्रवादियों द्वारा बाबरी मस्जिद के विध्वंस ने व्यापक हिंदू-मुस्लिम हिंसा को जन्म दिया। पुरातात्विक खुदाई ने मस्जिद के मलबे के नीचे एक मंदिर की उपस्थिति का संकेत दिया है।

अयोध्या शहर में, यह कहा जाता है कि लगभग 6000 मंदिर हैं हालांकि, यह माना जाता है कि रामकोठम के राम जन्मभूमि परिसर में स्थित तीर्थस्थलों को सबसे अधिक पवित्र माना जाता है। इस परिसर में कुछ प्रमुख हिंदू मंदिरों में शामिल हैं -

  • राम जन्मभूमि - उस जगह में जहां राम का जन्म हुआ माना जाता है।
  • सीता रसोई - सीता की रसोई, सीता राम की पत्नी थी और देवी लक्ष्मी का अवतार थी।
  • केकेई भवन - केकाई के कक्ष, राम की सौतली मां वह स्थान जहां भरत का जन्म हुआ।
  • कौशल्या भवन - कौशल्या कक्ष, राम की मां
  • सुमित्रा भवन - सुमित्रा के कक्ष, राम के सौतली मां
  • अंगद तीला - तीर्थ अंगद को समर्पित, वानारा राजकुमार
  • लव कुश मंदिर - लव और कुश, राम और सीता के बेटों को समर्पित है।
  • हनुमान मंदिर - भगवान हनुमान को समर्पित मंदिर
  • रंग महल - शाही मनोरंजन कक्ष

राम जन्मभूमि विवाद का संक्षिप्त इतिहास इस प्रकार से हैः

  • 1528 में राम जन्म भूमि पर मस्जिद बनाई गई थी। हिन्दुओं के पौराणिक ग्रन्थ रामायण और रामचरित मानस के अनुसार यहां भगवान राम का जन्म हुआ था।
  • 1853 में हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच इस जमीन को लेकर पहली बार विवाद हुआ।
  • 1859 में अंग्रेजों ने विवाद को ध्यान में रखते हुए पूजा व नमाज के लिए मुसलमानों को अन्दर का हिस्सा और हिन्दुओं को बाहर का हिस्सा उपयोग में लाने को कहा।
  • 1949 में अन्दर के हिस्से में भगवान राम की मूर्ति रखी गई। तनाव को बढ़ता देख सरकार ने इसके गेट में ताला लगा दिया।
  • सन् 1986 में जिला न्यायाधीश ने विवादित स्थल को हिंदुओं की पूजा के लिए खोलने का आदेश दिया। मुस्लिम समुदाय ने इसके विरोध में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी गठित की।
  • सन् 1989 में विश्व हिन्दू परिषद ने विवादित स्थल से सटी जमीन पर राम मंदिर की मुहिम शुरू की।
  • 6 दिसंबर 1992 को, हिंदू राष्ट्रवादियों ने मस्जिद को ध्वस्त कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप सांप्रदायिक दंगों में 2,000 से अधिक मौतें हुई।
  • उसके दस दिन बाद 16 दिसम्बर 1992 को लिब्रहान आयोग गठित किया गया। आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश एम.एस. लिब्रहान को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया।
  • लिब्रहान आयोग को 16 मार्च 1993 को यानि तीन महीने में रिपोर्ट देने को कहा गया था, लेकिन आयोग ने रिपोर्ट देने में 17 साल लगाए।
  • 30 जून 2009 को लिब्रहान आयोग ने चार भागों में 700 पन्नों की रिपोर्ट प्रधानमंत्री डॉ॰ मनमोहन सिंह और गृह मंत्री पी. चिदम्बरम को सौंपा।
  • जांच आयोग का कार्यकाल 48 बार बढ़ाया गया।
  • 31 मार्च 2009 को समाप्त हुए लिब्रहान आयोग का कार्यकाल को अंतिम बार तीन महीने यानी 30 जून तक के लिए बढ़ा गया।
  • 9 नवम्बर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतिम निर्णय दे दिया, और विवादित स्थल पर, राम मंदिर बनाने के लिए केन्द्र सरकार को 3 महीने में मंदिर के निर्माण हेतु संस्था का गंठन करने को आदेश दिया। मुसलिम पक्ष को अयोध्य में ही 5 एकड़ जमीन देने को केन्द्र सरकार को आदेश दिया।

राम जन्म भूमि पर मंदिर के निर्माण का शिलान्यास 5 अगस्त 2020 होना तय हुआ है। इस अवसर मंदिर की निर्माण कमेटी ने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दास मोदी निमंत्रण दिया है और मंदिर का शिलान्यास श्री नरेंद्र दास मोदी द्वारा किया जाना है।








संबंधित लेख




2024 के आगामी त्यौहार और व्रत











दिव्य समाचार











Humble request: Write your valuable suggestions in the comment box below to make the website better and share this informative treasure with your friends. If there is any error / correction, you can also contact me through e-mail by clicking here. Thank you.

EN हिं