श्रृंगवेरपुर - रामायण कालीन कथा और निषादराज की भूमि

श्रृंगवेरपुर वह स्थान है जिसका सम्बन्ध हिन्दु धर्म के प्रसिद्ध रामायण से है। यह स्थान भारत के राज्य उतर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित है। श्रृंगवेरपुर, प्रयागराज के आसपास का एक महत्वपूर्ण और आकर्षक स्थल है, जो घूमने लायक है। यह ऐतिहासिक गाँव प्रयागराज से लगभग 45 किलोमीटर दूर लखनऊ रोड पर स्थित है।

ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व

श्रृंगवेरपुर का उल्लेख प्राचीन महाकाव्य रामायण में मिलता है और इसे भगवान राम की वनवास यात्रा से जोड़ा जाता है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, इसी स्थान पर भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ गंगा नदी को पार किया था। श्रृंगवेरपुर उस समय निषादराज या 'मछुआरों के राजा' का प्रसिद्ध राज्य था और यह उनके राज्य की राजधानी के रूप में विख्यात था।

रामायण में एक रोचक कथा मिलती है कि वनवास जाते समय राम, सीता और लक्ष्मण ने श्रृंगवेरपुर में एक रात बिताई थी। जब उन्होंने गंगा नदी पार करने की इच्छा जताई तो वहाँ के नाविकों ने उन्हें ले जाने से मना कर दिया था। इस स्थिति को सुलझाने के लिए स्वयं निषादराज आए और राम से अनुरोध किया कि वे पहले उनके पैर धोने की अनुमति दें। राम ने सहर्ष उनकी बात मानी, और निषादराज ने गंगाजल से उनके पैर धोकर अपनी श्रद्धा प्रकट की। जिस स्थान पर यह घटना हुई थी, उसे 'रामचुरा' के नाम से जाना जाता है, और यहाँ एक चबूतरे से उस स्थल को चिह्नित किया गया है।

श्रृंगी ऋषि का मंदिर

श्रृंगवेरपुर के आसपास किए गए उत्खनन में यहाँ श्रृंगी ऋषि का एक प्राचीन मंदिर मिला है। ऐसा माना जाता है कि श्रृंगवेरपुर का नाम इन्हीं ऋषि के नाम पर पड़ा है। यह मंदिर उन लोगों के लिए आस्था का प्रतीक है जो श्रृंगवेरपुर के ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व को समझते हैं।

दर्शनीय स्थल और धार्मिक महत्व

श्रृंगवेरपुर में वह स्थान भी है जहाँ राम के पैर धोए गए थे। यह स्थान एक छोटा सा मंदिर बनाकर संरक्षित किया गया है, जो अपने शांत वातावरण के कारण श्रद्धालुओं को गहराई से प्रभावित करता है। हालाँकि इस मंदिर का कोई विशेष सांस्कृतिक या ऐतिहासिक महत्व नहीं है, लेकिन यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य और पवित्रता इसे एक अद्वितीय अनुभव बनाते हैं।

यात्रा और अनुभव

श्रृंगवेरपुर का यह स्थल एक ऐसा स्थान है जो धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के कारण अद्वितीय बन गया है। प्रयागराज की यात्रा के दौरान यहाँ जाना एक सुखद अनुभव होता है, जहाँ भारतीय संस्कृति, आस्था और इतिहास का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।










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