भीमकुंड - मध्य प्रदेश

महत्वपूर्ण जानकारी

  • पता: भीमकुंड, मध्य प्रदेश 471311।
  • निकटतम रेलवे स्टेशन: छतरपुर रेलवे स्टेशन भीमकुंड से लगभग 77 किलोमीटर की दूरी पर है।
  • निकटतम हवाई अड्डा: खजुराहो हवाई अड्डा भीमकुंड से लगभग 92 किलोमीटर की दूरी पर है।
  • सड़क द्वारा: भीम कुंड अपने जिला केंद्र छतरपुर से लगभग 70 किमी दूर है। यह दिल्ली, भोपाल जैसे भारत के विभिन्न शहरों से सड़कों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग 86 इसे राज्य की राजधानी भोपाल से जोड़ता है।
  • क्या आप जानते हैं: कहा जाता है कि 26 दिसंबर 2004 को भारत में सुनामी आई थी, तब इस कुंड के पानी में उथल-पुथल मच गई थी।

भीमकुण्ड एक प्राकृतिक कुंड है जो कि भारत के राज्य मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के बाजना गांव में स्थित है। भीमकुंड को नीलकुंड और नारद कुंड के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि इसे नाम से पता चलता है ‘भीमकुंड’, भीम पांडवों में से एक थे। भीमकुंड एक प्राकृतिक एवं पवित्र जल स्त्रोत है, हिन्दू धर्म में यह एक पवित्र स्थान भी माना जाता है, जो कि महाभारत काल से है।

कुंड का पानी इतना साफ और पारदर्शी है कि पानी में मछलियां तैरती हुई साफ देखी जा सकती हैं। कुंड मुहाने से लगभग 3 मीटर की दूरी पर एक गुफा में स्थित है। प्रवेश द्वार के बायीं ओर एक छोटा सा शिवलिंग है। पूल गहरे नीले रंग का है जो लाल पत्थर की दीवारों से भिन्न है।

भीमकुंड की विशेषता

भीमकुंड की अपनी विशेषता है जिसके कारण यह कुंड अन्य कुंडों से अलग है। भीमकुंड क पहली विशेषता यह है जो कि इसको अलग बनती है वह है इस पानी का रंग नीला होना है। दूसरी विशेषता, आज तक इस कुंड की गहराई का पता नहीं चलता है।

ऐसा कहा जाता है कि 26 दिंसबर 2004 मे भारत मे सुनामी आई थी, तब इस कुंड के पानी में भी उथल पुथल हुई थी।

कुंड से जुड़ी किंवदंती

ऐसा माना जाता है कि पांडव अपने वनवास के दौरान यह से जा रहे थे। द्रौपदी, प्यास और थाकान के कारण बेहोश हो गई थी। पांडवों में सबसे शक्तिशाली भीम थे, भीम ने अपनी गदा से जमीन पर प्रहार किया और पानी बाहर निकल आया और एक कुंड के रूप में अस्तित्व में आया।

गुफा की छत पर कुंड के ठीक ऊपर एक छोटा सा उद्घाटन है। कहा जाता है कि यह वह स्थान है जहां भीम ने अपनी गदा से प्रहार किया था।

एक अन्य किंवदंती यह है कि वैदिक ऋषि नारद ने भगवान विष्णु की स्तुति में गंधर्व गानम (दिव्य गीत) किया था। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर, विष्णु कुंड से बाहर निकले और विष्णु के काले रंग के कारण पानी नीला हो गया। इस जलकुंड की गहराई आज भी अज्ञात और रहस्य है।

 




अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


भीमकुंड इतना प्रसिद्ध क्यों है?

भीमकुंड अपने पानी के नीले रंग के लिए प्रसिद्ध है।


भीमकुंड मध्य प्रदेश का रहस्य क्या है?

कुंड का एक और रहस्यमय पहलू यह है कि आम तौर पर जब किसी व्यक्ति की पानी के भीतर मृत्यु हो जाती है, तो उसका शरीर पानी की सतह से ऊपर तैरता है, लेकिन भीमकुंड की एक अलग ही घटना है। एक बार जब शरीर इस कुंड में डूब जाता है, तो वह कभी भी वापस ऊपर नहीं आता है; और शव फिर कभी नहीं मिल सकेगा।





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