क्या आप जानते है कि हिन्दु धर्म के प्रमुख वेदों को संगीतमय रचना किसने करी थी?

एक बार धरती पर से धर्म को खत्म करने के लिए असुरों ने सभी वेदों को नष्ट कर दिया था। जिससे वेदों के ना होने से, धरती से धर्म समाप्त हो जायेगा और चारों तरफ अधर्म ही अधर्म होगा। वेदों का एक मात्र केन्द्र वाराणसी नगरी था। जो भगवान शिव को अति प्रिय नगरी थी। असुरों ने वाराणसी नगरी में रखें वेदों को नष्ट कर दिया था। तब सभी ऋषि मुनि भगवान शिव के पास गयें। और वेदों के सरक्षण हेतु, आग्रह किया।

भगवान शिव ने ऋषि मुनियों को वेदों के ज्ञान को सभी मनुष्य को देने को आदेश दिया और कहा कि यह ज्ञान केवल ऋषि मुनियों के लिए ही नहीं अपितु समाज के सभी वर्गो के लिए होना चाहिए। तब भगवान शिव ने कहा, कि वेदों को समाज तक पहुचानें के लिए वेदों का संगीत में रूपांतरित करना होगा।

उस समय भगवान का परम भक्त रावण था। रावण को चारों वेदों ज्ञान था। भगवान शिव ने रावण को आदेश दिया, कि वेदों को समाज तक पहुचानें के लिए वेदों का संगीत में वर्णन करों। संगीत में वर्णन करने से लोगों को वेदों का ज्ञान सरलता से हो जायेगा। वेदों को कभी भी नष्ट नहीं किया जा सकेगा।



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