श्री महालक्ष्मी यंत्र अत्यधिक प्रभावी और शुभ यंत्र है जो धन का प्रतीक है। यह श्रीयंत्र माता लक्ष्मी जी को बहुत प्रिय है। मां लक्ष्मी देवी का प्रसन्न करने वाला अद्भुत चमत्कारिक, सुख-सम्पत्ति और शांति देने वाला सर्वसिद्धि दायक श्रीयंत्र होता है। श्री महालक्ष्मी यंत्र के नित्य प्रातः दर्शन करने से लक्ष्मी की प्राप्ति व सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। यह यंत्र देवी लक्ष्मी से जुड़ा है, जो धन और समृद्धि की देवी हैं। किसी भी रूप में इस यंत्र या देवी के दर्शन व व्यक्ति शुद्ध हृदय और आत्मा के साथ यन्त्र की पूजा करता है तो धन, यश और सफलता की प्राप्ति होती है। यन्त्र को मुख्य रूप से एक आलमारी, तिजौरी या पूजा के कमरे में रखा जाता है।
माता लक्ष्मी के अनेक रूप पुराणों में वर्णित है, परन्तु ‘श्री माँ वैभव लक्ष्मी व्रत’ के समय ‘श्रीयंत्र’ के साथ इनके स्वरूपों का विशेष रूप से ध्यान करना चाहिए - 1. श्री धन लक्ष्मी, 2. श्री गज लक्ष्मी, 3. श्री ऐश्वर्य लक्ष्मी, 4. श्री अधि लक्षमी, 5. श्री विजया लक्ष्मी, 6. श्री धान्य लक्ष्मी, 7. श्री वीर लक्ष्मी, 8. श्री सन्तान लक्ष्मी।
श्री वैभव लक्ष्मी व्रत कथा शुरू करने से पहले ‘श्रीयंत्र’ को प्रणाम करके माथा टेकना चाहिए। श्री वैभव लक्ष्मी के ये आठ स्वरूप तथा श्रीयंत्र के साथ माता की पूजा व ध्यान करना चाहिए।