कोरोना वायरस या वायरस क्या होता है?
वायरस बहुत छोटे से रोगाणु व विषाणु होते है। वायरस प्रोटीन के खोल के अंदर अनुवांशिक सामग्री से बने होते है। कोई भी वायरस किसी भी व्यक्ति, जानवर व पौधों को बीमार कर सकता है। यह शरीर के जीवित कोशिकाओं से पोषण लेता है और कोशिकाओं के मेटाबोलिक प्रक्रिया से वह बढ़ता है और तेजी से अपनी संख्या बढ़ाता है। यह जीवित कोशिकाओं के अन्दर रहकर उनको टोड़ता है। जिनके कारण शरीर में रोग उत्पन्न होते है।
वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक कई वजह से फैलता है जैसे मिट्टी से, हवा से नाक व मुहं के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है या शरीर पर किसी कट के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। फिर शरीर में जीवित कोशिका की तलाश कर सवंमित करता है।
आयुर्वेद के अनुसार शरीर मे विद्यामान रोग प्रतिरोधक क्षमता जिसें हम इम्यूनिटी के नाम से जानते है और शरीर इस क्षमता से ये वायरस मारे जाते है और शरीर रोग मुक्त होता है।
इसके अलावा हम कुछ सावधनियों के द्वारा भी बच सकते है। जैसे
आयुर्वेद की कुछ दवाईयां है जिससे शरीर रोग विरोध क्षमता बढ़ती है। इन दवाईयों का प्रयोग चिकित्सक की देख रेख में करें।
खीस का प्रयोग खाने में आवश्यक करें। खीस गायें, भैस व बकरी का पहला दूध होता है जब वह किसी बच्चे को जन्म देती है। खीस हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसलिए प्रत्येक डाक्टर बच्चे के जन्म के तुरन्त बाद मां का पहला दूध पिलाने के लिए कहा जाता है।
डॉ. बी.एन. सिन्हा