विश्राम घाट भारत के प्रमुख पवित्र घाटों में से एक है यह मथुरा शहर में स्थित जो कि भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में है तथा विश्राम घाट पवित्र यमुना नदी के किनारे व श्री द्वाराकाधीश मंदिर के पास जो कि भारत के प्रमुख बडे मंदिरो में से एक है। मथुरा शहर के कुल 25 घाट है जिसमें से प्रमुख व प्रसिद्ध घाट विश्राम घाट है।
ऐसा माना जाता है कि जब भगवान श्री कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध किया था। कंस के वध के बाद भगवान श्री कृष्ण और उनके भाई बलराम ने यहां आकर विश्राम किया था, तभी से इस जगह को विश्राम घाट नाम से जाना जाता है।
विश्राम घाट सुन्दर व पवित्र मंदिरों के साथ बना हुआ है तथा मथुरा के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। इस घाट पर बने मंदिर है मुकुट मंदिर, राधा-दामोदर, मुरली मनोहर, नीलकण्डश्वर मंदिर, यमुना-कृष्णा मंदिर, लंगली हनुमान मंदिर, नरसिंह मंदिर आदि।
विश्राम घाट पर पवित्र यमुना नदी की आरती सांय काल में रोज आयोजित होती है, ऐसा कोई भी दिन नहीं गया जब आरती को आयोजन न हुआ हो। यहा की लोककथा के अनुसार ऐसा माना जाता है कि रंक्षा बंधन के त्यौहार पर महिलायें इस घाट पर स्नान करने से उनके भाईयों की उम्र लंबी हो जाती है।
ऐसा माना जाता है कि यह पवित्र स्थल कई बार तबाह व संरक्षित किया गया है। यह कई बार के हमलों से तबाह हुआ है, सिंकदर लोधी के समय के दौरान दो वैष्णव संत केशव कश्मीरी और वल्लभाचार्य ने इसका पुनः निर्माण किया था। अकबर शासन के दौरान भी इस पवित्र स्थल का पुनः निर्माण किया गया था।
घाटों के नाम: गणेश घाट, दशाश्वमेध घाट, सरस्वती संगम घाट, चक्र तीर्थ घाट, कृष्णा गंगा घाट, सोमा तीर्थ या स्वामी घाट, घंटाघरन घाट, धारा पट्टन घाट, वेकुंट घाट, नव तीर्थ, अशीकुण्डघाट, मणिकर्णिका घाट।
गुप्ता तीर्थ घाट, प्रयाग घाट, श्याम घाट, राम घाट, कनखल घाट, ध्रुव घाट, सप्तऋषि घाट, मोक्ष तीर्थ घाट, सूर्या घाट, रावण कोटि घाट, बुद्ध घाट।