प्रदोष व्रत 2025

महत्वपूर्ण जानकारी

  • शनि प्रदोष व्रत
  • दिनांक: 11 जनवरी 2025, शनिवार
  • मास: पौष, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
  • प्रदोष तिथि प्रारम्भ: 11 जनवरी 2025 प्रातः 08 बजकर 21 मिनट से
  • ​प्रदोष तिथि समाप्त: 12 जनवरी 2025 को रात्रि 09:33 बजे

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है जो हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है और शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए उपवास और पूजा का विशेष महत्व है। "प्रदोष" का अर्थ है संध्या समय, और इस समय भगवान शिव की आराधना विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।

प्रदोष व्रत को संतान प्राप्ति, स्वास्थ्य, सुख-शांति, और मोक्ष की प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। भक्तजन इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और उनसे जीवन के समस्त कष्टों को हरने की प्रार्थना करते हैं।

प्रदोष व्रत की पूजा विधि

  1. स्नान और शुद्धि

    • व्रत वाले दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और मन को पवित्र रखें।
    • व्रत का संकल्प लें।
  2. भगवान शिव की पूजा

    • प्रदोष काल (संध्या के समय) में शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, और गंगाजल अर्पित करें।
    • बेलपत्र, धतूरा, और आक का फूल चढ़ाएं।
    • भगवान शिव को अक्षत, चंदन, और धूप-दीप अर्पित करें।
    • "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
  3. भजन और कथा

    • भगवान शिव के भजनों का गायन करें और प्रदोष व्रत कथा का श्रवण करें।
    • परिवार और मित्रों के साथ पूजा में सम्मिलित हों।
  4. उपवास

    • पूरे दिन उपवास रखें और केवल फलाहार करें।
    • व्रत को प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा के बाद ही खोलें।

प्रदोष व्रत के प्रकार

प्रदोष व्रत को तीन मुख्य प्रकारों में बांटा गया है:

  1. सोम प्रदोष व्रत: यह व्रत सोमवार को पड़ता है और शिवभक्तों के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है।
  2. शनि प्रदोष व्रत: शनिवार के दिन प्रदोष व्रत रखने से शनि दोषों से मुक्ति मिलती है।
  3. त्रयोदशी प्रदोष व्रत: प्रत्येक मास की त्रयोदशी तिथि को रखा जाने वाला सामान्य प्रदोष व्रत।

प्रदोष व्रत की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान संसार को बचाने के लिए विष का पान किया। विष के प्रभाव को शांत करने के लिए देवी पार्वती ने शिव की आराधना की। इस दिन को प्रदोष काल कहा गया और तभी से प्रदोष व्रत की परंपरा शुरू हुई। यह व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और जीवन के दुखों से छुटकारा पाने का प्रतीक है।

प्रदोष व्रत के लाभ

  1. भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है।
  2. शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  3. संतान सुख की प्राप्ति होती है।
  4. पापों का नाश होता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।
  5. शनि दोष और ग्रह बाधाओं से राहत मिलती है।

प्रदोष व्रत तिथि समय 2025

शनि प्रदोष व्रत

दिनांक: 11 जनवरी 2025, शनिवार
मास: पौष, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 11 जनवरी 2025 प्रातः 08:21 बजे
तिथि समाप्त: 12 जनवरी 2025 को रात्रि 09:33 बजे

सोम प्रदोष व्रत

दिनांक: 27 जनवरी 2025, सोमवार
मास: माघ, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 26 जनवरी 2025 रात्रि 08:54 बजे
तिथि समाप्त: 27 जनवरी 2025 को रात्रि 08:34 बजे

रवि प्रदोष व्रत

दिनांक: 9 फरवरी 2025, रविवार
मास: माघ, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि आरंभ: 09 फरवरी 2025 को शाम 07:25 बजे
तिथि समाप्त: 10 फरवरी 2025 बजे शाम 06:57 बजे

भौम प्रदोष व्रत

दिनांक: 25 फरवरी 2025, मंगलवार
मास: फाल्गुन, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि आरंभ: 25 फरवरी 2025 दोपहर 12:47 बजे
तिथि समाप्त: 26 फरवरी 2025 प्रातः 11:08 बजे

भौम प्रदोष व्रत

दिनांक: 11 मार्च 2025, मंगलवार
मास: फाल्गुन, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
आरंभ तिथि: 11 मार्च 2025 प्रातः 08:13 बजे
अंतिम तिथि: 12 मार्च 2025 प्रातः 09:11 बजे

गुरु प्रदोष व्रत

दिनांक: 27 मार्च 2025, गुरुवार
मास: चैत्र, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
प्रारंभ तिथि: 27 मार्च 2025 प्रातः 01:42 बजे
अंतिम तिथि: मार्च 27, 2025, 23:03 बजे

गुरु प्रदोष व्रत

दिनांक: 10 अप्रैल 2025, गुरुवार
मास: चैत्र, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि आरंभ: 9 अप्रैल 2025 को रात्रि 22:55 बजे
तिथि समाप्त: 11 अप्रैल 2025 को दोपहर 01 बजकर 00 मिनट तक

शुक्र प्रदोष व्रत

दिनांक: 25 अप्रैल 2025, शुक्रवार
मास: वैशाख, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि आरंभ: 25 अप्रैल 2025 पूर्वाह्न 11:44 बजे
तिथि समाप्त: 26 अप्रैल 2025 को प्रातः 08:27 बजे

शुक्र प्रदोष व्रत

दिनांक: 09 मई 2025, शुक्रवार
मास: वैशाख, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि आरंभ: 09 मई 2025 को 02:56 बजे बजे
तिथि समाप्त: 10 मई 2025 को शाम 05:29 बजे

शनि प्रदोष व्रत

दिनांक: 24 मई 2025, शनिवार
मास: ज्येष्ठ, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 24 मई 2025 को शाम 07:20 बजे
तिथि समाप्त: 25 मई 2025 को दोपहर 03:51 बजे

रवि प्रदोष व्रत

दिनांक: 08 जून 2025, रविवार
मास: ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 08 जून 2025 को सुबह 07:17 बजे
तिथि समाप्ति: 09 जून 2025 को प्रातः 09:35 बजे

सोम प्रदोष व्रत

दिनांक: 23 जून 2025, सोमवार
मास: आषाढ़, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 23 जून 2025 दोपहर 01:21 बजे
तिथि समाप्ति: 23 जून 2025 को रात्रि 22:09 बजे

भौम प्रदोष व्रत

दिनांक: 8 जुलाई 2025, मंगलवार
मास: आषाढ़, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 07 जुलाई 2025 रात्रि 11:10 बजे
तिथि समाप्त: 09 जुलाई 2025 को प्रातः 00:38 बजे

भौम प्रदोष व्रत

दिनांक: 22 जुलाई 2025, मंगलवार
मास: श्रावण, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 22 जुलाई 2025 प्रातः 07:05 बजे
तिथि समाप्त: 23 जुलाई 2025 को प्रातः 04 बजकर 39 मिनट पर

बुध प्रदोष व्रत

दिनांक: 06 अगस्त 2025, बुधवार
मास: श्रावण, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 06 अगस्त 2025 दोपहर 02:08 बजे
तिथि समाप्त: 07 अगस्त 2025 को दोपहर 02 बजकर 27 मिनट पर

बुध प्रदोष व्रत

दिनांक: 20 अगस्त 2025, बुधवार
मास: भाद्रपद, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 20 अगस्त 2025 दोपहर 01:58 बजे
तिथि समाप्त: 21 अगस्त 2025 दोपहर 12:44 बजे

शुक्र प्रदोष व्रत

दिनांक: 05 सितंबर 2025, शुक्रवार
मास: भाद्रपद, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 05 सितंबर 2025 प्रातः 04:08 बजे
तिथि समाप्ति: 06 सितंबर 2025 प्रातः 03:12 बजे

शुक्र प्रदोष व्रत

दिनांक: 19 सितंबर 2025, शुक्रवार
मास: आश्विन, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 18 सितंबर 2025 रात्रि 11:24 बजे
तिथि समाप्त: 19 सितंबर 2025 रात्रि 11:36 बजे

शनि प्रदोष व्रत

दिनांक: 04 अक्टूबर 2025, शनिवार
मास: आश्विन, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 04 अक्टूबर 2025 शाम 05:09 बजे
तिथि समाप्त: 05 अक्टूबर 2025 को दोपहर 03:03 बजे

शनि प्रदोष व्रत

दिनांक: 18 अक्टूबर 2025, शनिवार
मास: कार्तिक, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 18 अक्टूबर 2025 दोपहर 12:18 बजे
तिथि समाप्ति: 19 अक्टूबर 2025 दोपहर 01:51 बजे

सोम प्रदोष व्रत

दिनांक: 03 नवंबर 2025, सोमवार
मास: कार्तिक, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 03 नवंबर 2025 प्रातः 05:07 बजे
तिथि समाप्त: 04 नवंबर 2025 को प्रातः 02:05 बजे

सोम प्रदोष व्रत

दिनांक: 17 नवंबर 2025, सोमवार
मास: मार्गशीर्ष, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 17 नवंबर 2025 प्रातः 04:47 बजे
तिथि समाप्त: 18 नवंबर 2025 को सुबह 07 बजकर 12 मिनट पर

भौम प्रदोष व्रत

दिनांक: 02 दिसंबर 2025, मंगलवार
मास: मार्गशीर्ष, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 02 दिसंबर 2025 बजे 03:57 अपराह्न
तिथि समाप्त: 03 दिसंबर 2025 दोपहर 12:25 बजे

बुध प्रदोष व्रत

दिनांक: 17 दिसंबर 2025, बुधवार
मास: पौष, कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
तिथि प्रारंभ: 16 दिसंबर 2025 रात्रि 11:57 बजे
तिथि समाप्त: 18 दिसंबर 2025 प्रातः 02:32 बजे







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