पंचक तिथि समय 2025

महत्वपूर्ण जानकारी

  • जनवरी में पंचक तिथि
  • ​पंचक प्रारंभ: शुक्रवार, 3 जनवरी 2025, प्रातः 10:47 बजे
  • पंचक समाप्त: मंगलवार, 7 जनवरी 2025, शाम 05:50 बजे

पंचक हिंदू ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो चंद्रमा की गति और नक्षत्रों के अनुसार तय होती है। जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में रहता है, उस समय की अवधि को "पंचक" कहा जाता है। यह समय हर महीने में लगभग 5 दिनों तक चलता है। पंचक को शुभ और अशुभ कार्यों के लिए विचार करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है।

पंचक तिथि का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

पंचक का मुख्य आधार नक्षत्र होते हैं। यह पांच नक्षत्रों को मिलाकर बनता है:

  1. धनिष्ठा
  2. शतभिषा
  3. पूर्वाभाद्रपद
  4. उत्तराभाद्रपद
  5. रेवती

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक में कुछ विशेष कार्यों को करने से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह समय शुभता के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है।

पंचक में वर्जित कार्य

पंचक तिथि के दौरान कुछ कार्य अशुभ माने जाते हैं। इनमें शामिल हैं:

  1. घरेलू कार्य: घर की छत डालने, निर्माण कार्य, या घर में कोई बड़ा बदलाव करने से बचना चाहिए।
  2. दहन कार्य: पंचक में शव का दाह संस्कार करना अशुभ माना जाता है। यदि ऐसा करना आवश्यक हो, तो विशेष पूजन और उपाय करने की सलाह दी जाती है।
  3. भंडारण: लकड़ी, अनाज, या ईंधन का भंडारण पंचक के दौरान अशुभ माना जाता है।
  4. यात्रा: खासकर दक्षिण दिशा की यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है।

पंचक में क्या करें?

हालांकि पंचक को अशुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है, लेकिन यह समय भक्ति, ध्यान और ईश्वर आराधना के लिए उपयुक्त होता है।

  1. धार्मिक कार्य: पूजा-पाठ, मंत्र जाप, और भजन-कीर्तन करना लाभकारी होता है।
  2. दान-पुण्य: इस समय दान करना शुभ माना जाता है।
  3. ध्यान और साधना: पंचक का समय आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए उत्तम होता है।

पंचक के दौरान उपाय

यदि पंचक में कोई कार्य करना अत्यावश्यक हो, तो निम्न उपाय किए जा सकते हैं:

  1. शुभ मंत्रों का जाप करें।
  2. हवन और पूजा का आयोजन करें।
  3. भगवान शिव, विष्णु, या हनुमान जी की आराधना करें।
  4. आवश्यक कार्य को आरंभ करने से पहले किसी विद्वान पंडित से परामर्श लें।

पंचक तिथि समय 2025

पंचक हमें यह सिखाता है कि हर समय का अपना एक महत्व होता है। यह समय हमें आत्ममंथन, संयम और धार्मिक कार्यों में लीन होने की प्रेरणा देता है। शुभ और अशुभ का विचार कर जीवन में सफलता और शांति प्राप्त की जा सकती है।

जनवरी 2025

पंचक शुरू: शुक्रवार, 3 जनवरी 2025, सुबह 10:47 बजे
पंचक समाप्त: मंगलवार, 7 जनवरी 2025, शाम 05:50 बजे

पंचक शुरू: गुरुवार, 30 जनवरी 2025, शाम 06:35 बजे
पंचक समाप्त: सोमवार, 3 फरवरी 2025, रात 11:16 बजे

फरवरी 2025

पंचक शुरू: गुरुवार, 27 फरवरी 2025, सुबह 04:37 बजे
पंचक समाप्त: सोमवार, 3 मार्च 2025, सुबह 06:39 बजे

मार्च 2025

पंचक शुरू: बुधवार, 26 मार्च 2025, दोपहर 03:14 बजे
पंचक समाप्त: रविवार, 30 मार्च 2025, शाम 04:35 बजे

अप्रैल 2025

पंचक शुरू: बुधवार, 23 अप्रैल 2025, रात 12:31 बजे
पंचक समाप्त: रविवार, 27 अप्रैल 2025, प्रातः 03:39 बजे

मई 2025

पंचक आरंभ: मंगलवार, 20 मई 2025, प्रातः 07:35 बजे
पंचक समाप्त: शनिवार, 24 मई 2025, दोपहर 01:48 बजे

जून 2025

पंचक आरंभ: सोमवार, 16 जून 2025, दोपहर 01:10 बजे
पंचक समाप्त: शुक्रवार, 20 जून 2025, रात्रि 09:45 बजे

जुलाई 2025

पंचक प्रारम्भ: रविवार, 13 जुलाई 2025, सायं 06:53 बजे
पंचक समाप्त: शुक्रवार, 18 जुलाई 2025, प्रातः 03:39 बजे

अगस्त 2025

पंचक आरंभ: रविवार, 10 अगस्त 2025, बजे 02:11 AM
पंचक समाप्त: गुरुवार, 14 अगस्त 2025, सुबह 09:06 बजे

सितंबर 2025

पंचक शुरू: शनिवार, 6 सितंबर 2025, सुबह 11:21 बजे
पंचक समाप्त: बुधवार, 10 सितंबर 2025, दोपहर 04:03 बजे

अक्टूबर 2025

पंचक शुरू: शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2025, रात 09:27 बजे
पंचक समाप्त: बुधवार, 8 अक्टूबर 2025, सुबह 01:28 बजे

पंचक शुरू: शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2025, सुबह 06:48 बजे
पंचक समाप्त: मंगलवार, 4 नवंबर 2025, दोपहर 12:34 बजे

नवंबर 2025

पंचक शुरू: गुरुवार, 27 नवंबर 2025, दोपहर 02:07 बजे
पंचक समाप्त: सोमवार, 1 दिसंबर 2025, रात 11:18 बजे

दिसंबर 2025

पंचक शुरू: बुधवार, 24 दिसंबर 2025, शाम 07:46 बजे
पंचक समाप्त: सोमवार, 29 दिसंबर 2025, सुबह 07:41 बजे









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