आन्देश्वर मंदिर हिन्दूओं का प्रमुख मंदिर जो पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर कानपुर, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। आन्देश्वर मंदिर गंगा के किनारे स्थित है। यहां सभी देवी देवताओं के छोट व बडे मंदिर स्थिपित है। जैसे देवी अन्नपुर्णा, काली माता, काल भैरव, भगवान गणेश व कार्तिक। आन्देश्वर मंदिर कई एकड जमीन पर बना हुआ है तथा इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि आज भी आन्देश्वर मंदिर मंे भगवान शिव दर्शन देते है। भगवान भोले नाथ इस मंदिर मंे शिव र्लिंग के रुप में विराजमान है।
आन्देश्वर मंदिर की विशेषता यह है कि सौ से भी ज्यादा घण्टीयां मंदिर में है और 12 खिडकियों वाला मुख्य द्वार है। इस मंदिर का ‘प्राकृतिक’ शिव लिंग प्रमुख आकर्षण है। आन्देश्वर मंदिर भारत भर में और यहां तक कि विदेशों से पर्यटकों और भक्तों को आकर्षित करती है।
मंदिर से जुडी कथा इस प्रकार हैः- ऐसा माना जाता है कि इसी स्थान पर महाभारत काल में कर्ण रोज पूजा करने आते थे। जब कर्ण अपनी पूजा करने आते थे पूजा के दौरान आनंदी नाम की एक गाय अपना पूरा दूध इस स्थान पर जोड देती थी। गाय के इस प्रकार के व्यवहार से गाये के मालिक को बहुत अजीब लगा। गाये के मालिक ने गांवों वालो का इकठ्ा किया और इस स्थान की खुदाई करी तो गावों वालों का जमीन के अन्दर शिव लिंग मिला जो आज भी मंदिर में स्थिपित है। गावों वालो ने सोचा की शिव लिंग को किसी अच्छे स्थान पर स्थिपित किया जाये। परन्तु पूरा जोर लगाने के बाद भी शिव लिंग अपने स्थान से नहीं हिला। तो हार कर सभी गावों ने उस स्थान पर भगवान शिव का मंदिर स्थिपित कर दिया तथा मंदिर का नाम गाये के नाम के आधार पर आन्देश्वर रखा गया था, जो आज भी इसी नाम से प्रसिद्ध है।
आन्देश्वर मंदिर में शिव रात्रि का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। सावन के महीने में प्रत्येक सोमवार के दिन लाखो भक्त भगवान शिवलिंग के दर्शन को आते है। आन्देश्वर मंदिर में भक्त गंगा से गंगाजल लेकर शिव लिंग का अर्पित करते है।