रुद्रप्रयाग हिन्दू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है जो भारत के उत्तरांचल राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में एक शहर तथा नगर पंचायत है। यह पहाड़ियों में पांच पवित्र संगमों में से एक है जिसे पंचप्रयाग कहा जाता है। हिंदुओं के लिए तीर्थयात्रा का एक महत्वपूर्ण स्थान है। रुद्रप्रयाग अलकनंदा तथा मंदाकिनी नदियों का संगमस्थल है।
यहाँ से अलकनंदा देवप्रयाग में जाकर भागीरथी से मिलती है तथा गंगा नदी का निर्माण करती है। प्रसिद्ध धर्मस्थल केदारनाथ धाम रुद्रप्रयाग से 86 किलोमीटर दूर है।
भगवान शिव के नाम पर रूद्रप्रयाग का नाम रखा गया है। रूद्रप्रयाग श्रीनगर (गढ़वाल) से 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदाकिनी और अलखनंदा नदियों का संगम अपने आप में एक अनोखी खूबसूरती है। इन्हें देखकर ऐसा लगता है मानो दो बहनें आपस में एक दूसरे को गले लगा रहीं हो।
ऐसा माना जाता है कि यहां नारद मुनि ने भगवान शिव की उपासना की थी और नारद जी को आर्शीवाद देने के लिए ही भगवान शिव ने रुद्र रूप में अवतार लिया था। यहां स्थित भगवान शिव और माता जगदम्बा मंदिर प्रमुख धार्मिक स्थानों में से है।