श्री अश्ताम्सा वर्धा अंजनेयर मंदिर - कोयम्बटूर, तमिलनाडु

महत्वपूर्ण जानकारी

  • पता: अविनाशी आरडी, रामपादुका हॉल के पास, पीलामेडू, कोयंबटूर, तमिलनाडु 641004
  • खुला और बंद समय: सुबह - 07:30 बजे से 11:30 बजे। शाम - 05:30 बजे से 08:30 बजे तक
  • निकटतम रेलवे स्टेशन: श्री अष्टमसा वर्ध अंजनेयार मंदिर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर पीलामेडू रेलवे स्टेशन।
  • निकटतम हवाई अड्डा: श्री अष्टमसा वर्ध अंजनेयार मंदिर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर कोयंबटूर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा।
  • क्या आप जानते हैं: श्री अष्टमसा वर्ध अंजनेयार मंदिर में हनुमान की मूर्ति शालिग्राम स्टोन से बना है।

श्री अश्ताम्सा वर्धा अंजनेयर मंदिर एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर पूर्णतयः भगवान हनुमान जी को समर्पित है। श्री अश्ताम्सा वर्धा अंजनेयर भारत के राज्य तमिलनाडु के कोयंबटूर के पिलामेड में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि श्री अश्ताम्सा वर्धा अंजनेयर तमिलनाडु राज्य का सबसे प्राचीन मंदिर है।

श्री अश्ताम्सा वर्धा अंजनेयर मंदिर में जो हनुमान की प्रतिमा है, यह मूर्ति शालिग्राम पत्थर से बनी है। यह भारत के एक मात्र हनुमान जी की प्रतिमा है जो शालिग्राम पत्थर से बनी है। शालिग्राम को भगवान विष्णु की प्रतिक माना जाता है। भगवान हनुमान अलग अगल समय पर अलग-अलग अवतार लिए है, कलयुग में हनुमान जी ने अंजनेय के रूप में है। इस मंदिर श्री अंजनेय अपनी आठ शक्तियों से भक्तों को आर्शीवाद देते है।

श्री अंजनेय भगवान प्रतिमा की विशेषता

  • श्री अंजनेय भगवान प्रतिमा की विशेषता यह है कि भगवान अंजनये की दाहिने हाथ अभय मुद्रा के साथ भक्तों को सभी कल्याण और सुरक्षा का आश्वासन देते है और देवी लक्ष्मी भक्तों को हनुमान की दाहिनी हथेली से सुशोभित करती हैं।
  • भगवान हनुमान अपने गदा पकडे हुए है जो आंतरिक शत्रुओं को जैसे अहंकार, क्रोध और लोभ को नष्ट कर देता है और अंजनेय भगवन अपने भक्तों की शुत्रओं से रक्षा करते हैं और भक्तों को भयमुक्त रखते हैं।
  • श्री अंजनेय का मुख पश्चिम दिशा की ओर हैॅ जो स्वास्थ्य सुनिश्चित करता है। रामायण काल के दौरान प्रभु राम की भाई लक्ष्मण युद्ध के दौरान मूर्छित हो गए थे। हनुमान जी संजीवनी पर्वत को साथ ले आए थे। पहाड़ी का एक टुकड़ा पश्चिमी घाट में गिर गया, इसलिए उनका पश्चिम की ओर मुंह करना भक्त को किसी भी बीमारी से पूरी तरह से ठीक होने का आश्वासन देता है।
  • श्री अंजनेय के पैर दक्षिण की ओर हैं, जो मृत्यु के देवता यम की दिशा है। पैरों की पूजा करने से भक्त को मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है और दीर्घायु का आश्वासन मिलता है।
  • श्री अंजनेय को उनकी लंबी पूंछ सुंदर बनाती है। उनकी पूंछ उत्तर दिशा की ओर है जो धन के देवता कुबेर की दिशा है। श्री अंजनेय की पूजा करने से जीवन में समृद्ध हो जाता है।
  • श्री अंजनेय की आंखे सूर्य और चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करती है। ऐसा माना जाता है कि वे दिन के दौरान सूर्य और सूर्यास्त के बाद चंद्रमा होते हैं।

श्री अंजनेय के दर्शन करने सबसे अच्छा दिन

श्री अंजनये भगवान के दर्शन किसी भी दिन किये जा सकते है और हनुमान जी विभिन्न अलंकारम से भक्तों पर अपनी कृपा करते हैं। शनिवार और मंगलवार के दिन विशेष माने जाते है। सिंतम्बर और अक्टूबर की महीना जो तमिल पुरातत्सी का महीना होता है और हनुमान जंयती के दिन हनुमान जी के दर्शन विशेष दर्शन माने जाते है।

श्री अंजनेय का प्रसाद

राजा मारुथी अलंकारम, वेन्नई अलंकारम और वडामलाई प्रसाद यहां शनिवार को नियमित सेवा हैं। पुरातत्सी के तमिल महीने में शनिवार को वडई मलाई, स्वयं रूपम, चेंदुरम, स्वर्णमयम और मुथंगी सेवई भगवान को चढ़ाए जाते हैं।

भगवान हनुमान को हर दिन अलग-अलग अलंकारम(रूप) में सजाया जाता है, जो इस मंदिर को बहुत ही असामान्य बनाता है। भगवान हनुमान के विभिन्न अलंकारम में देखकर भक्त आश्चर्य चकित होते हैं।

 










2024 के आगामी त्यौहार और व्रत











दिव्य समाचार











Humble request: Write your valuable suggestions in the comment box below to make the website better and share this informative treasure with your friends. If there is any error / correction, you can also contact me through e-mail by clicking here. Thank you.

EN हिं