गोदावरी नदी - भारत की पवित्र धारा

गोदावरी नदी भारत की सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। इसे भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी माना जाता है और यह देश की तीसरी सबसे बड़ी नदी भी है। गोदावरी का उद्गम महाराष्ट्र के नासिक जिले के त्र्यंबक नामक स्थान से होता है और यह अपने लंबे सफर में आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, कर्नाटक और पुडुचेरी जैसे राज्यों से होकर बहती है। अंततः यह बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इस नदी का कुल क्षेत्रफल लगभग 3,12,812 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और इसकी कुल लंबाई 1456 किलोमीटर मापी गई है।

गोदावरी नदी के उद्गम के पास एक पौराणिक महत्व है, जहाँ कहा जाता है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान निवास किया था। इस कारण से, गोदावरी को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह नदी भारत की सबसे बड़ी पूर्व की ओर बहने वाली प्रायद्वीपीय नदी है।

गोदावरी नदी के बारे में कुछ रोचक तथ्य:

  1. भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी: गोदावरी नदी भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 1,465 किलोमीटर है। इसे दक्षिण भारत की 'गंगा' भी कहा जाता है।
  2. पवित्र नदी: गोदावरी नदी को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। नासिक में कुम्भ मेले के दौरान इस नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है।
  3. बंगाल की खाड़ी में गिरती है: गोदावरी नदी पश्चिमी घाट से निकलकर पूर्व की ओर बहती है और अंत में बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इसका मुहाना एक विशाल और उपजाऊ डेल्टा बनाता है।
  4. रामायण से संबंध: कहा जाता है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान गोदावरी नदी के किनारे बसे पंचवटी में निवास किया था। इस स्थान का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है।
  5. बड़ा नदी बेसिन: गोदावरी नदी का बेसिन भारत के सबसे बड़े नदी बेसिनों में से एक है, जो लगभग 3,12,812 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यह बेसिन कई राज्यों में फैला हुआ है।
  6. गोदावरी की सहायक नदियाँ: गोदावरी की 12 प्रमुख सहायक नदियाँ हैं, जिनमें प्राणहिता, इंद्रावती, मंजीरा, और पर्णाशा प्रमुख हैं। इन सहायक नदियों के कारण गोदावरी का जलग्रहण क्षेत्र और भी व्यापक हो जाता है।
  7. अधिकांश वर्षा मानसून से: गोदावरी बेसिन में लगभग 85% वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसून से होती है, जो जुलाई से सितंबर तक सक्रिय रहता है।
  8. धार्मिक त्यौहार: गोदावरी नदी के किनारे कई प्रमुख धार्मिक त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनमें गोदावरी पुष्करम प्रमुख है। यह त्यौहार हर 12 साल में मनाया जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु नदी में स्नान करने के लिए आते हैं।
  9. पानी का स्रोत: गोदावरी नदी महाराष्ट्र के नासिक जिले में त्र्यंबकेश्वर के पास से निकलती है, जो एक पवित्र स्थान है और इसे धार्मिक यात्राओं का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है।
  10. डेल्टा का आकार: गोदावरी नदी का डेल्टा भारत के सबसे बड़े डेल्टाओं में से एक है। यह डेल्टा कृषि के लिए अत्यंत उपजाऊ है और यहां पर चावल की खेती व्यापक रूप से होती है।

गोदावरी नदी की महत्वपूर्ण विशेषताएँ

गोदावरी की लंबाई लगभग 1456 किलोमीटर है और यह पश्चिमी घाट से निकलकर पूर्वी घाट तक बहते हुए बंगाल की खाड़ी में समाहित हो जाती है। इस नदी की चौड़ाई 995 किलोमीटर और यह भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 9.5% भाग घेरती है। जब गोदावरी नदी बंगाल की खाड़ी में मिलती है, तब इसका मुहाना राजमुंदरी के पास डेल्टा का निर्माण करता है, जो अत्यंत उपजाऊ है।

गोदावरी नदी के जलग्रहण क्षेत्र को तीन भागों में विभाजित किया गया है:

  • ऊपरी भाग: यह हिस्सा उद्गम से मंजीरा नदी के संगम तक फैला हुआ है।
  • मध्य भाग: यह मंजीरा और प्राणहिता नदियों के बीच का क्षेत्र है।
  • निचला भाग: यह प्राणहिता से मुहाने तक का क्षेत्र है।

गोदावरी की सहायक नदियाँ

गोदावरी नदी के साथ कई सहायक नदियाँ जुड़ी हुई हैं, जो इसे जल प्रदान करती हैं और इसकी धारा को और भी अधिक सशक्त बनाती हैं। गोदावरी की सहायक नदियाँ दो प्रकार की होती हैं:

  • दाहिने किनारे की सहायक नदियाँ: इनमें नसरदी, प्रवर, सिंदफना, मंजीरा, मनीरा और किन्नरसानी शामिल हैं।
  • बाएं किनारे की सहायक नदियाँ: इनमें बाणगंगा, कदवा, शिवना, पूर्णा, कदम, प्राणाहिता, इंद्रावती, तलीपेरु, सबरी और धरना शामिल हैं।

गोदावरी नदी की कुल 12 सहायक नदियाँ हैं। इन सहायक नदियों द्वारा निर्मित डेल्टा का आकार लोबेट प्रकार का होता है, जिसमें कई सहायक नदियाँ गोल उभार के साथ मिलती हैं। बाएं किनारे की सहायक नदियाँ दाएं किनारे की सहायक नदियों की तुलना में अधिक बड़ी हैं।

वर्षा पैटर्न और सांस्कृतिक महत्व

गोदावरी बेसिन में सालाना लगभग 85% वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसून से होती है। मानसून जुलाई से शुरू होकर सितंबर तक रहता है और इस दौरान क्षेत्र में 1000-3000 मिमी तक की वर्षा होती है। गोदावरी नदी के बेसिन में औसत वार्षिक वर्षा 1096.92 मिमी होती है।

गोदावरी नदी का सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। इसे गंगा नदी की बहन के रूप में भी जाना जाता है और इसे दक्षिण गंगा के नाम से भी जाना जाता है। नासिक, जहाँ गोदावरी नदी का उद्गम होता है, रामायण के साथ भी गहरा संबंध रखता है। यह माना जाता है कि भगवान राम ने अपने वनवास के 14 वर्षों का एक महत्वपूर्ण समय यहीं पर बिताया था। इस कारण से, गोदावरी नदी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण है।



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