सूर्य नक्षत्र हिन्दू ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है क्योंकि सूर्य सभी ग्रहों के बीचों बीच स्थित है। सूर्य एक राशि से दूसरे राशि में प्रवेश करता है, जो उसे सूर्य गोचर कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के जीवन में असर पड़ता है। जैसे धन, मान सम्मान, शारीरिक पीड़ा और मानसिक पीड़ा आदि।
उत्तरा आषाढ़
शनिवार, 11 जनवरी 2025, प्रातः 02:30 बजे
श्रावण
शुक्रवार, 24 जनवरी 2025, प्रातः 04:52 बजे
धनिष्ठा
गुरुवार, 6 फरवरी 2025, प्रातः 07:57 बजे
शतभिषा
बुधवार, 19 फरवरी 2025, दोपहर 12:34 बजे
पूर्व भाद्रपद
मंगलवार, 4 मार्च 2025, शाम 06:48 बजे
उत्तरा भाद्रपद
मंगलवार, 18 मार्च 2025, प्रातः 03:20 बजे
रेवती
सोमवार, 31 मार्च 2025, दोपहर 02:08 बजे
अश्विनी
सोमवार, 14 अप्रैल 2025, प्रातः 03:30 बजे
भरनी
रविवार, 27 अप्रैल 2025, शाम 07:19 बजे
कृत्तिका
रविवार, 11 मई 2025, दोपहर 01:26 बजे
रोहिणी
रविवार, 25 मई 2025, प्रातः 09:40 बजे
मृगशिरा
रविवार, 8 जून 2025, प्रातः 07:26 बजे
आर्द्रा
रविवार, 22 जून 2025, प्रातः 06:28 बजे
पुनर्वसु
रविवार, 6 जुलाई 2025, प्रातः 05:55 बजे
पुष्य
रविवार, 20 जुलाई 2025, प्रातः 05:30 बजे
आश्लेषा
रविवार, 3 अगस्त 2025, प्रातः 04:16 बजे
माघ
रविवार, 17 अगस्त 2025, दोपहर 02:00 बजे सुबह
पूर्वा फाल्गुनी
शनिवार, 30 अगस्त 2025, रात 09:52 बजे
उत्तरा फाल्गुनी
शनिवार, 13 सितंबर 2025, दोपहर 03:48 बजे
हस्त
शनिवार, 27 सितंबर 2025, सुबह 07:14 बजे
चित्रा
शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025, रात 08:19 बजे अपराह्न
स्वाति
शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2025, प्रातः 06:48 बजे
विशाखा
गुरुवार, 6 नवंबर 2025, दोपहर 02:59 बजे
अनुराधा
बुधवार, 19 नवंबर 2025, रात्रि 09:03 बजे
ज्येष्ठा
बुधवार, 3 दिसंबर 2025, प्रातः 01:21 बजे
मूला
मंगलवार, 16 दिसंबर 2025, प्रातः 04:26 बजे
पूर्वा आषाढ़
सोमवार, 29 दिसंबर 2025, प्रातः 06:37 बजे