करपका विनायक मंदिर

महत्वपूर्ण जानकारी

  • Location: Vanmathi nagar., Koothadipatti, kandhan kollai village, Tamil Nadu 602025
  • Timings: Open 06:00 am and Close 01:00 pm.
  • Open 04:oo pm and Close 08:30 pm.
  • Best time to visit : August to March.
  • Nearest Railway Station : Sivaganga Railway Station at a distance of nearly 48.2 kilometres from Karpaka Vinayak Temple.
  • Nearest Airport : Tiruchirapalli International Airport TRZ  at a distance of nearly 85.8 kilometres and Madurai International Airport at a distance of nearly 82.6 kilometres from Karpaka Vinayak Temple.
  • Festival: The Ganesh Chaturthi / Vinayaka Chaturthi festival, is celebrated for 10 days in a grand manner every year during the months of August and September.
  • Did you Know: This temple is the only one in Tamil Nadu which contains a 6 feet rock-cut Pillaiyar deity which made from one stone.

करपका विनायक मंदिर एक हिन्दूंओं का मंदिर है जो कि भगवान श्री गणेश का समर्पित एक प्राचीन और गुफा मंदिर है। यह मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य के शिवगंगा जिले तिरुपथुर तालुक में पिल्लरेपट्टी में स्थित है। करपका विनायक मंदिर को पिल्लरेपट्टी पिलर मंदिर के रूप में भी जाना जाता है।

करपका विनायक के मुख्य देवता भगवान श्री गणेश है जिनका एक नाम विनायक भी है। मंदिर में एक गुफा है जिसमें भगवान शिव और अन्य देवताओं के पत्थर से बनायी गई मूर्तियां है। मंदिर की गुफा को एक ही पत्थर का काट कर बनाई गई है। मंदिर के पत्थरों पर शिलालेखों पर पाए गये आगमा1 ग्रंथों के अनुसार यह मंदिर 1091 और 1238 ई. की बीच बनाया गया था। मंदिर में बने पिल्लैयार की एक अनूठी तमिल छवि से मंदिर के निर्माण के सही समय को सत्यापित करने में मदद करती है।

यह एक ऐसा मंदिर है जिसमें भगवान गणेश की 6 फुट लंबी चट्टान की मूर्ति है। मंदिर में अन्य देवी-देवताओं की लगभग 14 पत्थर की मूर्तियां है। यहां गणेश जी की सूंड दाईं ओर है जिसकी वजह से यहां उन्हें वैलपूरी पिल्लईर भी कहा जाता है। अन्य धार्मिक स्थलों में देवताओं की मूर्तियों का मुख पूर्व या पश्चिम की ओर होता है लेकिन यहां पर देवताओं की मूर्तियों का मुख उत्तरी दिशा की ओर है। आमतौर पर गणेश जी के हर स्वरूप में उनके चार या अनके भुजाएं होती हैं किंतु इस मंदिर में स्थापित मूर्ति में गणेश जी की सिर्फ दो ही भुजाएं हैं।

पांड्या राजाओं द्वारा पिल्लरेपट्टी पहाड़ी पर मंदिर का निर्माण किया गया है। कार्पागा विनायक की मूर्ति पिल्लरेपट्टी को गुफा के अन्दर बनाया गया है। भगवान थिरुवेसर (शिव) भी इस गुफा की चट्टान में नक्काशीदार है। विनायक व शिव की मूर्तियां एक शिल्पकार एकट्टूर कून पेरुपरानन द्वारा तैयार की गईं हैं। इसी मूर्तिकार ने 5वीं शताब्दी के बीच उपयोग की जाने वाली तमिल भाषा में पत्थर के शिलालेख पर अपने हस्ताक्षर कर रखे है।

मंदिर में अन्य तीर्थस्थान भगवान शिव, देवी कात्यायनी, नागलिंगम और पसुपथिस्वरार को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि देवी कात्यायनी की प्रार्थना करने से कुंवारी लड़कियों का विवाह जल्दी हो जाता है। निसंतान दंपत्तियां भगवान नागलिंगम की पूजा करते है जिसके फलस्वरूप दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती हे। धन प्राप्ति और सुख-समृद्धि के लिए पसुपथिस्वरार की पूजा की जाती है। गणेश जी का उत्तर की ओर मुख करना और दाईं तरफ सूंड का होना काफी शुभ माना जाता है। यह समृद्धि, धन और ज्ञान का कारक है।

1आगामा कई हिंदू भक्ति स्कूलों के ग्रंथों का संग्रह है।




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