गायत्री मंदिर एक हिन्दू मंदिर है जो कि भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित है। यह मंदिर पूरी तरह से गायत्री माता को समर्पित है। यह मंदिर विश्व का पहला गायत्री मंदिर है। यह मंदिर मथुरा वृंदावन मार्ग पर स्थित है।
गायत्री मंदिर का निर्माण व स्थापना सन्यासी श्री वेदमूर्ति पंडित श्री राम शर्मा आचार्य द्वारा सन् 1953 में किया गया था। उन्होनें मंदिर की स्थापना के समय इसी स्थान पर अनेक साधको द्वारा 24 लाख गायत्री मंत्र का जप, सवा लाख गायत्री चालीसा का पाठ, यजुर्वेद, गीता, रामायण का पाठ, गायत्री सहस्त्रनाम, गायत्री कवच, दुर्गा सप्तशती का पाठ, महामृत्युजय मंत्र का जाप आदि महान कार्यो का संपादन किया था। श्री राम शर्मा आचार्य जी ने 30 मई 1953 से 22 जून 1953 तक, सिर्फ पवित्र गंगाजल का सेवन करके लगातार 24 दिनों तक उपवास किया था।
मंदिर में एक यज्ञ शाला है, जिसमें हिमालय के सिद्ध योगी द्वारा एक अखंड ज्योति है जो कि सात सौ पचास वर्ष पुरानी है जो कि 1953 से अब तब प्रबुद्ध है।
इस मंदिर में भारत के 2400 तीर्थ स्थलों के पानी साथ और हाथों से 24 करोड़ गायत्री मंत्र लिखे गये है। मंदिर में युग निर्माण विद्यालय है जो कि 1966 से सक्रिय है जो कि आत्मनिर्भर शिक्षा देता है। इस विद्यालय में बच्चों के रहने की व्यवस्था भी है, जो इस स्कूल में 10 वीं कक्षा पास करने वाले छात्रों को एक वर्ष का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
मंदिर में चैरिटी अस्पताल की भी संचालन किया जाता है, जिसमें आयुर्वेद, होम्योपैथी, एलोपैथी, पेडियाट्रिक्स, नेत्र रोग और नेत्र शल्य चिकित्सा, दंत चिकित्सा, फिजियोथेरेपी, योग और प्राकृतिक चिकित्सा का उपयोग किया जाता है। मंदिर में गौ रक्षा के लिए मान भगवती गौशाला का संचालन किया जा रहा है।
मंदिर में सभी त्योहार मनाये जाते है। मंदिर का वातावरण बहुत ही सुन्दर है जो कि किसी भी व्यक्ति को शान्ति प्रदान करता है।