मूषिकवाहन मोदकहस्त
चामरकर्ण विलम्बितसूत्र ।
वामनरूप महेस्वरपुत्र
विघ्नविनायक पाद नमस्ते ॥
अर्थ: जिसका वाहन चूहा हो। जिसके हाथ में मोदक है। जिसके कान पंखे के आकार के होते हैं। वह जो एक पवित्र धागा पहनता है जो उसकी छाती को सुशोभित करता है। जो आवश्यकतानुसार छोटा अथवा विस्तृत रूप धारण कर सके। भगवान शिव के पुत्र. बाधाओं को दूर करने वाला. मैं आपके चरणकमलों को प्रणाम करता हूँ।
यह श्लोक भगवान गणेश को नमस्कार है, जिसमें उनके दिव्य स्वरूप और गुणों के विभिन्न पहलुओं का वर्णन है। यहाँ श्लोक का अर्थ है:
मुशिकवाहन: जिसका वाहन चूहा है।
मोदकहस्ता: वह जिसके हाथ में मोदक (एक मीठा व्यंजन) रहता है।
चामरकर्ण: जिसके कान पंखे के आकार के होते हैं।
विलम्बितसूत्र: वह जो पवित्र धागा पहनता है जो उसकी छाती को सुशोभित करता है।
वामनरूप: वह जो आवश्यकतानुसार छोटा या विस्तृत रूप धारण कर सकता है।
महेश्वरपुत्र: भगवान शिव के पुत्र।
विघ्नविनायक: बाधाओं को दूर करने वाला।
पाद नमस्ते: मैं आपके कमल चरणों को नमन करता हूं।
यह श्लोक भगवान गणेश को समर्पित कई छंदों और भजनों का एक हिस्सा है, जो उनके विविध रूपों और गुणों पर प्रकाश डालता है और उनके प्रति भक्ति और श्रद्धा व्यक्त करता है।