मुक्तेश्वर मंदिर एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है जो कि भारत के राज्य उत्तराखंड के नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर में स्थिापित है। मुक्तेश्वर मंदिर मंदिर को मुक्तेश्वर महादेव मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर का नाम भगवान शिव के मुख्य मंदिरों में आता है। यह मंदिर लगभग 350 साल पुराना है तथा भगवान शिव को पूर्णतयः समर्पित है। मंदिर के चारों ओर का प्राकृतिक दृश्य अद्भुत है। इस मंदिर परिसर में भगवान शिव के अलावा भगवन हनुमान, ब्रह्मा, नंदी, पार्वती और विष्णु के मंदिर भी स्थिापित है। यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 2,312 मीटर की उँचाई पर है। भगवान शिव के मंदिर तक 100 सीढ़िया द्वार जाया जाता है। मुक्तेश्वर का अर्थ है, वह भगवान जो मुक्ति दिलाता है अर्थात भगवान शिव ही सभी कष्टों से मुक्ति दिलाते है।
मंदिर के पास चैली की चाली एक स्थान है। इसे ‘चैथी की जाली’ भी कहते हैं। ये एक पहाड़ की चोटी है जिसकी सबसे ऊपर वाली चट्टान पर एक गोल छेद है। जिसके के बारे में कहा जाता है कि अगर कोई निःसंतान स्त्री इस छेद में से निकल जाए तो उसे संतान की प्राप्ति होती है। पहाड़ की चोटी से घाटी का सुंदर नजारा देखा जा सकता है।
यह स्थान उगते सूरज के सुन्दर नजारे के लिए प्रसिद्ध है और नंदकोट, नंदा घुंटी, त्रिशूल और नंदा देवी सहित महान हिमालय श्रृंखला को शानदार बर्फ से ढके पहाड़ों को देखा जा सकता हैं, जो भारत की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है।
यह मंदिर भगवान शिव के भक्तों के लिए सबसे प्रिस स्थान माना जाता है। इस मंदिर में हर साल हजारों भक्त आशीर्वाद व दर्शन हेतु आते है। यह मंदिर पूरे साल खुला रहता है परन्तु सर्दीयों में भक्तों की सख्या कम हो जाती है, क्योंकि सर्दीयों में यह तापमान 0 डिग्री हो जाता है।