जय जाहर वीर गोगा महाराज,
गरीब दीन दयाल तेरे द्वार आए आज।
दुःखित को तू करता उद्धार,
जग में कोई तुझसे दोस्त निहार।
आशीष तुम्हारी सब पर बरसाए,
रोगी शीघ्र ठीक हो जाए।
संकट विपदा से मुक्ति पावे,
मन की शांति तुझमें ही भावे।
आरती गोगा महाराज की,
सब रोगों की दूर करती सुनी।
जो भी जाते हैं तेरे द्वार,
उनका संकट तू ही हरता पार।
जय जहार वीर गोगा महाराज,
गरीब दीन दयाल तेरे द्वारका आए आज।
गोगा आरती एक भक्ति भजन है जो अपनी बहादुरी और करुणा के लिए जाने जाने वाले श्रद्धेय योद्धा-संत गोगा जी को समर्पित है। यह लघु गीत भक्ति व्यक्त करता है और गोगा जी से कष्टों को कम करने, खतरों से बचाने और कल्याण लाने का आशीर्वाद मांगता है। आरती के माध्यम से, भक्त गोगा जी की दिव्य उपस्थिति और जरूरतमंद लोगों को सांत्वना और उपचार प्रदान करने की उनकी पौराणिक क्षमता का आह्वान करते हैं।