अप्रैल 2025 का महीना भारत में अनेक धार्मिक, पारंपरिक और सांस्कृतिक पर्वों से भरा हुआ है। यह महीना हिंदू सौर कैलेंडर के अनुसार मीन और मेष महीनों के साथ मेल खाता है। मलयालम कैलेंडर में यह मीनम और मेदम, जबकि तमिल कैलेंडर में पंगुनी और चित्रै महीनों के अनुरूप होता है।
अप्रैल की शुरुआत: व्रतों और विशेष तिथियों के साथ
- 1 अप्रैल: शुक्ल पक्ष की चतुर्थी, चतुर्थी व्रत
- 5 अप्रैल: अशोक अष्टमी (भगवान शिव को समर्पित), दुर्गा अष्टमी व्रत (माँ काली की आराधना)
- 8 अप्रैल: कामदा एकादशी (हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी)
- 10 अप्रैल: शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत और महावीर जयंती
मध्य अप्रैल: नववर्ष, हनुमान जयंती और वैशाखी
- 12 अप्रैल: हनुमान जयंती और पूर्णिमा
- 13 अप्रैल: पाम संडे (ईसाई समुदाय का पर्व)
- 14 अप्रैल: मेष संक्रांति, विषु (केरल), पुथांडु (तमिलनाडु), बैसाखी (पंजाब)
माह के अंतिम दिन: शिवरात्रि से अक्षय तृतीया तक
- 16 अप्रैल: संकष्टी चतुर्थी (श्री गणेश व्रत)
- 18 अप्रैल: गुड फ्राइडे (ईसाई पर्व)
- 20 अप्रैल: ईस्टर संडे
- 21 अप्रैल: कालाष्टमी
- 24 अप्रैल: वरूथिनी एकादशी
- 25 अप्रैल: कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत
- 27 अप्रैल: मासिक शिवरात्रि और अमावस्या
- 29 अप्रैल: परशुराम जयंती
- 30 अप्रैल: अक्षय तृतीया (शुक्ल पक्ष की तृतीया)
शुभता और आराधना का महीना
अप्रैल के महीने में मीन मास में श्रीकृष्ण, राधा और सीता माता की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है, जबकि मेष मास में सूर्यदेव, श्रीराम, माँ दुर्गा और हनुमान जी की आराधना से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
आप सभी श्रद्धालुओं को अप्रैल 2025 के पावन पर्वों की मंगलमय शुभकामनाएं। भगवान आप सभी को सुख, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें।