कार्तिकेय मंदिर एक हिन्दू मंदिर है जोकि भारत के राज्य हरियाणा के पिहोवा में स्थित है। यह मंदिर पूर्णतयः भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। कार्तिकेय भगवान शिव के बढ़े पुत्र है। यह मंदिर पवित्र कुरूक्षेत्र से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस स्थान को सरस्वती तीर्थ स्थान भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर 5वी शताब्दी के लगभग का है।
ऐसा माना जाता है कि मंदिर में स्थित भगवान कार्तिकेय के पिण्डी पर भगवान श्री कृष्ण जी ने युधिष्ठिर द्वारा इस पिण्डी पर तेल-अभिषेक किया गया था। भगवान कार्तिकेय का तेल से अभिषेक की परम्परा है। हर साला लाखों लोग इस पिण्डी का तेल से अभिषेक करने आते है।
कार्तिकेय का यह मंदिर पूरे भारत में एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसमें महिलाओं को मंदिर के मुख्य गर्भ ग्रह में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है। ऐसा कहा जाता है, कि यदि कोई महिला कार्तिकेय भगवान की इस पिण्डी के दर्शन करती है, तो वह अगले सात जन्मों तक विधवा रहती है। इस मंदिर में महिलाओं कि ही नहीं बल्कि नवजात कन्या को गोद लेकर जाना भी मना है।
जन्म के पश्चात् कार्तिकेय का शरीर काफी गर्म था। तो ऋषि मुनियों ने कार्तिकेय के शरीर का शीतलता देने के लिए तेल का अभिषेक किया था। तभी से कार्तिकेय भगवान यह पिण्डी में रूप में यह विराजमान है।