श्री स्थानेश्वर मंदिर व श्री स्थाणु मंदिर थानेसर, जिला कुरुक्षेत्र, हरियाणा में स्थित है यह मंदिर भगवान शिव का समर्पित है। श्री स्थानेश्वर मंदिर कुरुक्षेत्र में प्रसिद्ध व पवित्र केन्द्र है। यह मंदिर कुरुक्षेत्र के प्राचीन मंदिरों मे से एक है। मंदिर के सामने एक छोटा सा कुंड है। ऐसा माना जाता है कि इसका पानी इतना पवित्र है कि इसकी कुछ बून्दो से राजा बान का कुष्ठ रोग ठीक हो गया था। ऐसी मान्यता भी है कि भगवान शिव की शिवलिंग के रुप में पहले बार पूजा इसी स्थान पर हुई थी इसलिए कुरुक्षेत्र की तीर्थ यात्रा इस मंदिर की यात्रा के बिना पूरी नही मानी जाती है। यादि कुरुक्षेत्र तीर्थ धाम की यात्रा जो व्यक्ति करता है वह इस मंदिर में आकर भगवान शिव के दर्शन जरूर करता है और अपनी यात्रा का सफल बनाता है।
स्थाणु शब्द का अर्थ होता है भगवान शिव का वास। इस शहर ने सम्राट हर्षवर्धन के राज्य काल में राजधानी के रुप में कार्य किया। इस मंदिर की छत एक गुंबद के आकर की है। इस छत के सामने की तरफ का हिस्सा एक लंबा ‘अमला’ के आकर का है। मंदिर के अन्दर छत पर आज भी प्राचीन कलाकृतियों को देखा जा सकता है। इस मंदिर में भगवान शिव का शिव लिंग एक प्राचीन शिव लिंग है। यह मंदिर दो भागों में विभाजित है। पहला जो बाये तरफ है भगवान श्री लक्ष्मीनारायण जी का है और दूसरा जो कि दायें तरफ है भगवान शिव का है। इस मंदिर में भगवान भैरव, हनुमान और राम परिवार और माता दुर्गा जी की मूर्ति स्थापित है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब पांडवों और कौरवों के बीच महाभारत युद्ध आरम्भ होने वाला था तब पांडवों और भगवान श्रीकृष्ण ने इस स्थान पर भगवान शिव की पूजा की तथा महाभारत का युद्ध विजय का आर्शीवाद प्राप्त किया था।
श्री स्थानेश्वर मंदिर में सभी त्यौहार मनाये जाते है विशेष कर शिवरात्रि के त्यौहार पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दिन मंदिर को फूलो व लाईट से सजाया जाता है। मंदिर का आध्यात्मिक वातावरण श्रद्धालुओं के दिल और दिमाग को शांति प्रदान करता है।