तुलसी के पौधे को लोग घर में आँगन में क्यों लगाते है और हिन्दू धर्म में इसका क्या महत्व है?

तुलसी या वंदा का पौधा हिन्दू मान्यता में एक पवित्र पौधा है। हिन्दू परिवार इसे देवी तुलसी के रूप में पूजा जाता है। तुलसी का पौधा हिन्दू परिवार की पहचान है तथा साथ ही उसकी धार्मिकता एवम् सात्विक भावना का परिचय भी देता है। हिन्दू धर्म में तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नि के रूप में पूजा जाता है। विष्णु और उनके अवतार जैसे कृष्ण और विठोबा की पूजा में इसकी पत्तियों की पेशकश अनिवार्य है।

हिन्दू स्त्रियाँ तुलसी पूजन अपने सौभाग्य एव वंशवृद्धि की कामना से करती है। प्रत्येक वर्ष तुलसी विवाह का उत्सव भी मनाया जाता है। रामायण कथा में वर्णित प्रसंग के अनुसार राम दूत हनुमान जी जब सीता माता का पता लगाने जब समुद्र लाँघकर लंका गये तो वहाँ उन्होंने एक घर के आँगन में तुलसी का पौधा देखा। जो कि विभीषण का घर था, तात्पर्य यह कि तुलसी पूजन की प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही।

श्रीमद्भागवतम् में, अन्य पौधों पर तुलसी के महत्व का वर्णन किया गया हैः
     हालांकि मंदरा, कुंदा, कुरबाका, उत्पाला, कैंपका, अरना, पुन्नगा, नागकेरा, बकुला, लिली और पाराजा जैसे फूलों के पौधे पारलौकिक सुगंध से भरपूर होते हैं, वे तुलसी द्वारा की जाने वाली तपस्या के लिए अभी भी सचेत हैं, तुलसी के लिए विशेष प्राथमिकता दी जाती है। भगवान, जो खुद को तुलसी के पत्तों से माला पहनाते हैं
     - श्रीमद्भागवतम्, छंद 4, अध्याय 15, श्लोक 19.

वैज्ञानिक अवधारणा

तुलसी की पत्तियों में संक्रामक रोगों को रोकने की अद्भुत शक्ति निहित होती है। तुलसी एक दिव्य औषधि का पौधा है। इसके पत्ते उबालकर पीने से सर्दी, जुकाम, खाँसी एवम् मलेरिया से तुरन्त राहत मिलती है। तुलसी कैंसर जैसे भयानक रोग को भी ठीक करने में सहायक है। अनेक औषधीय गुण होने के कराण इसकी पूजा की जाती है।








2024 के आगामी त्यौहार और व्रत











दिव्य समाचार











Humble request: Write your valuable suggestions in the comment box below to make the website better and share this informative treasure with your friends. If there is any error / correction, you can also contact me through e-mail by clicking here. Thank you.

EN हिं