2025 में अष्टमी तिथि

महत्वपूर्ण जानकारी

  • कृष्ण पक्ष अष्टमी (शीतला अष्टमी)
  • शनिवार, 22 मार्च 2025
  • अष्टमी तिथि आरंभ: 22 मार्च 2025 प्रातः 04:24 बजे
  • अष्टमी तिथि समाप्त: 23 मार्च 2025 प्रातः 05:23 बजे

अष्टमी तिथि हिन्दू पंचांग में हर माह आने वाली एक पवित्र तिथि है। यह तिथि विशेष रूप से देवी पूजन, व्रत और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। अष्टमी तिथि को मां दुर्गा और भगवान शिव के विभिन्न रूपों की पूजा के लिए समर्पित किया गया है। इसके अलावा, कुछ विशेष अष्टमियों का महत्त्व अलग-अलग पर्वों और व्रतों के कारण और भी बढ़ जाता है।

अष्टमी तिथि का धार्मिक महत्त्व

अष्टमी तिथि को देवी दुर्गा और उनके आठवें रूप महागौरी की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है। यह दिन नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, जब भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं।

  • दुर्गाष्टमी: शारदीय और चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है।
  • महाअष्टमी: यह नवरात्रि का आठवां दिन होता है, जिसमें कन्या पूजन और हवन जैसे धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।

महत्वपूर्ण अष्टमी व्रत और पर्व

  1. राधा अष्टमी: श्रीकृष्ण की प्रेयसी राधा रानी का जन्मोत्सव भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
  2. सीतला अष्टमी: फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इस दिन माता शीतला की पूजा होती है, और भक्त बासी भोजन का सेवन करते हैं।
  3. कृष्ण जन्माष्टमी: भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को धूमधाम से मनाया जाता है।
  4. गोपाष्टमी: कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भगवान कृष्ण की गोचारण लीला के उपलक्ष्य में गोपाष्टमी मनाई जाती है।

अष्टमी व्रत की विधि

अष्टमी तिथि पर व्रत रखने वाले भक्त प्रातःकाल स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करते हैं।

  1. पूजा के लिए मां दुर्गा या संबंधित देवता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  2. दीप जलाकर, फल, फूल, और नैवेद्य अर्पित करें।
  3. दुर्गा चालीसा और सप्तशती का पाठ करें।
  4. व्रत के दिन भक्त फलाहार करते हैं और अगले दिन पारण के साथ व्रत संपन्न करते हैं।

अष्टमी तिथि का ज्योतिषीय महत्त्व

अष्टमी तिथि को चंद्रमा की स्थिति का विशेष महत्त्व होता है। यह तिथि उन व्यक्तियों के लिए शुभ मानी जाती है, जो आध्यात्मिक प्रगति और मन की शांति चाहते हैं। देवी पूजन से न केवल जीवन में संतुलन और समृद्धि आती है, बल्कि बाधाओं का नाश भी होता है।

अष्टमी तिथि के लाभ

अष्टमी तिथि पर व्रत और पूजा करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है:

  • मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति।
  • शत्रु बाधाओं का नाश और रोगों से मुक्ति।
  • मां दुर्गा की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता।

अष्टमी व्रत तिथि समय 2025

अष्टमी तिथि का हर माह अलग-अलग धार्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व है। यह तिथि देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और जीवन के कष्टों से मुक्ति पाने का उत्तम अवसर है। श्रद्धा और विश्वास के साथ अष्टमी व्रत और पूजा करने से भक्तों को अक्षय पुण्य और ईश्वर की असीम कृपा प्राप्त होती है।

जनवरी 2025 में अष्टमी तिथि

शुक्ल पक्ष अष्टमी
मंगलवार, 07 जनवरी 2025
06 जनवरी 2025 शाम 06:24 बजे - 07 जनवरी 2025 शाम 04:27 बजे

कृष्ण पक्ष अष्टमी
बुधवार, 22 जनवरी 2025
22 जनवरी 2025 दोपहर 12:40 बजे - 22 जनवरी 2025 दोपहर 03:18 बजे

फरवरी 2025 में अष्टमी तिथि

शुक्ल पक्ष अष्टमी (भीष्म अष्टमी, बुध अष्टमी व्रत)
बुधवार, 05 फरवरी 2025
05 फरवरी 2025 प्रातः 02:31 बजे - 06 फरवरी 2025 प्रातः 00:36 बजे

कृष्ण पक्ष अष्टमी
शुक्रवार, 21 फरवरी 2025
20 फरवरी 2025 प्रातः 09:58 बजे - 21 फरवरी 2025 प्रातः 11:58 बजे

मार्च 2025 में अष्टमी तिथि

शुक्ल पक्ष अष्टमी
शुक्रवार, 07 मार्च 2025
06 मार्च 2025 प्रातः 10:51 बजे - 07 मार्च 2025 प्रातः 09:19 बजे

कृष्ण पक्ष अष्टमी (शीतला अष्टमी)
शनिवार, 22 मार्च 2025
22 मार्च 2025 प्रातः 04:24 बजे - 23 मार्च 2025 प्रातः 05:23 बजे

अप्रैल 2025 में अष्टमी तिथि

शुक्ल पक्ष अष्टमी (अशोक अष्टमी)
शनिवार, 05 अप्रैल 2025
04 अप्रैल 2025 रात्रि 08:13 बजे - 05 अप्रैल 2025 शाम 07:26 बजे

कृष्ण पक्ष अष्टमी
सोमवार, 21 अप्रैल 2025
20 अप्रैल 2025 शाम 07:01 बजे - 21 अप्रैल 2025 शाम 06:59 बजे

मई 2025 में अष्टमी तिथि

शुक्ल पक्ष अष्टमी
सोमवार, 05 मई 2025
04 मई 2025 प्रातः 07:19 बजे - 05 मई 2025 प्रातः 07:36 बजे

कृष्ण पक्ष अष्टमी
मंगलवार, 20 मई 2025
20 मई 2025 प्रातः 05:52 बजे - 21 मई 2025 प्रातः 04:55 बजे

जून 2025 में अष्टमी तिथि

शुक्ल पक्ष अष्टमी
मंगलवार, 03 जून 2025
02 जून 2025 रात्रि 08:35 बजे - 03 जून 2025 रात्रि 09:56 बजे

कृष्ण पक्ष अष्टमी
गुरुवार, 19 जून 2025
18 जून 2025 दोपहर 01:35 बजे - 19 जून 2025 सुबह 11:56 बजे

जुलाई 2025 में अष्टमी तिथि

शुक्ल पक्ष अष्टमी (बुध अष्टमी व्रत)
गुरुवार, 03 जुलाई 2025
02 जुलाई 2025 पूर्वाह्न 11:59 बजे - 03 जुलाई 2025 अपराह्न 02:07 बजे

कृष्ण पक्ष अष्टमी
शुक्रवार, 18 जुलाई 2025
17 जुलाई 2025 शाम 07:09 बजे - 18 जुलाई 2025 शाम 05:02 बजे बजे

अगस्त 2025 में अष्टमी तिथि

शुक्ल पक्ष अष्टमी
शुक्रवार, 01 अगस्त 2025
01 अगस्त 2025 प्रातः 04:58 बजे - 02 अगस्त 2025 प्रातः 07:23 बजे

कृष्ण पक्ष अष्टमी (कृष्ण जन्माष्टमी)
शनिवार, 16 अगस्त 2025
15 अगस्त 2025 रात्रि 11:50 बजे - 16 अगस्त 2025 रात्रि 09:35 बजे

शुक्ल पक्ष अष्टमी (राधा अष्टमी, दूर्वा अष्टमी)
रविवार, 31 अगस्त 2025
30 अगस्त 2025 रात्रि 10:47 बजे - 01 सितंबर 2025 प्रातः 00:58 बजे

सितंबर 2025 में अष्टमी तिथि

कृष्ण पक्ष अष्टमी (मध्य.) अष्टमी)
रविवार, 14 सितम्बर 2025
14 सितंबर 2025 प्रातः 05:04 बजे - 15 सितंबर 2025 प्रातः 03:06 बजे

शुक्ल पक्ष अष्टमी (दुर्गा अष्टमी)
मंगलवार, 30 सितंबर 2025
29 सितंबर 2025 शाम 04:32 बजे - 30 सितंबर 2025 शाम 06:06 बजे

अक्टूबर 2025 में अष्टमी तिथि

कृष्ण पक्ष अष्टमी (अहोई अष्टमी)
मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025
13 अक्टूबर 2025 दोपहर 12:24 बजे - 14 अक्टूबर 2025 सुबह 11:10 बजे

शुक्ल पक्ष अष्टमी (बुध अष्टमी व्रत, गोपाष्टमी)
गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025
29 अक्टूबर 2025 प्रातः 09:23 बजे - 30 अक्टूबर 2025 प्रातः 10:07 बजे

नवंबर 2025 में अष्टमी तिथि

कृष्ण पक्ष अष्टमी
बुधवार, 12 नवंबर 2025
11 नवंबर 2025 रात 11:09 बजे - 12 नवंबर 2025 रात 10:58 बजे

शुक्ल पक्ष अष्टमी
शुक्रवार, 28 नवंबर 2025
28 नवंबर 2025 प्रातः 00:30 बजे - 29 नवंबर 2025 प्रातः 00:15 बजे

दिसंबर 2025 में अष्टमी तिथि

कृष्ण पक्ष अष्टमी
शुक्रवार, 12 दिसंबर 2025
11 दिसंबर 2025 दोपहर 01:57 बजे - 12 दिसंबर 2025 बजे दोपहर 02:57 बजे

शुक्ल पक्ष अष्टमी
रविवार, 28 दिसंबर 2025
27 दिसंबर 2025 दोपहर 01:10 बजे - 28 दिसंबर 2025 दोपहर 12:00 बजे




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