जय सिद्धिदात्री तू सिद्धि की दाता
तू भक्तो की रक्षक तू दासो की माता
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि,
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि !!
कठिन काम सिद्ध कराती हो तुम ,
जभी हाथ सेवक के सर धरती हो तुम !!
तेरी पूजा मैं तो न कोई विधि है ,
तू जगदम्बें दाती तू सर्वसिद्धि है !!
रविवार को तेरा सुमरिन करे जो ,
तेरी मूर्ति को ही मन मैं धरे जो !!
तू सब काज उसके कराती हो पूरे ,
कभी काम उस के रहे न अधूरे !!
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया ,
रखे जिसके सर पैर मैया अपनी छाया !!
सर्व सिद्धि दाती वो है भागयशाली ,
जो है तेरे दर का ही अम्बें सवाली !!
हिमाचल है पर्वत जहाँ वास तेरा ,
महा नंदा मंदिर मैं है वास तेरा !!
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता ,
वंदना है सवाली तू जिसकी दाता !!