हिंदू कैलेंडर के अनुसार तीसरा दिन को तृतीय कहा जाता है। तृतीय शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों में आती है। तृतीय, महीने में दो बार आती है। हिंदू धर्म में तृतीय का अपना विशेष महत्व है। तृतीय तिथि में पड़ने वाला प्रसिद्ध त्योहार अक्षय तृतीय है। तृतीया तिथि की अधिपति देवी गौरी हैं। इस तिथि को जन्म लेने वाले व्यक्ति को देवी गौरी की पूजा करनी चाहिए। यह तिथि जया तिथि की श्रेणी में आती है।
तृतीया तिथि को विशेष रूप से सौभाग्य, समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है। शुक्ल पक्ष की तृतीया को सबसे पवित्र और शुभ तिथि माना जाता है, जिसे अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है। अक्षय तृतीया का अर्थ है "अक्षय" अर्थात जो कभी क्षीण न हो। इस दिन किए गए दान, पुण्य, पूजा और यज्ञ का फल कभी नष्ट नहीं होता।
कृष्ण पक्ष की तृतीया भी विशेष होती है। इसे साधना, तपस्या और आत्म-अवलोकन का समय माना जाता है। इस दिन उपवास और ध्यान करना आत्मशुद्धि के लिए लाभकारी होता है।
तृतीया तिथि चंद्रमा और शुक्र ग्रह से जुड़ी मानी जाती है। इस तिथि को नई शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है। विशेष रूप से गृह प्रवेश, विवाह, व्यवसाय की शुरुआत और भूमि खरीदारी जैसे कार्यों के लिए यह तिथि अत्यंत अनुकूल होती है।
तृतीया तिथि के दिन उपवास, पूजा और ध्यान करने से विशेष लाभ होता है। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान विष्णु की पूजा करने से पुण्य फल मिलता है। पूजा में विशेष रूप से जल, फल, और तुलसी पत्र का उपयोग किया जाता है।
दान-पुण्य भी इस दिन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। गरीबों को भोजन, वस्त्र, और धन का दान करना शुभ माना जाता है।
शुक्ल पक्ष तृतीया
मंगलवार, 02 जनवरी 2025
02 जनवरी 2025 प्रातः 02:24 बजे - 03 जनवरी 2025 प्रातः 01:08 बजे
कृष्ण पक्ष तृतीया
गुरुवार, 16 जनवरी 2025
16 जनवरी 2025 प्रातः 03:23 बजे - 17 जनवरी 2025 प्रातः 04:06 बजे
शुक्ल पक्ष तृतीया
शनिवार, 01 फरवरी 2025
31 जनवरी 2025 दोपहर 01:59 बजे - 01 फरवरी 2025 सुबह 11:38 बजे
कृष्ण पक्ष तृतीया
शनिवार, 15 फरवरी 2025
14 फरवरी 2025 रात्रि 09:52 बजे - 15 फरवरी 2025 रात 11:52 बजे
शुक्ल पक्ष तृतीया
रविवार, 02 मार्च 2025
02 मार्च 2025 प्रातः 00:09 बजे - 02 मार्च 2025 प्रातः 09:02 बजे
कृष्ण पक्ष तृतीया
सोमवार, 17 मार्च 2025
16 मार्च 2025 शाम 04:58 बजे - 17 मार्च 2025 शाम 07:33 बजे
शुक्ल पक्ष तृतीया
सोमवार, 31 मार्च 2025
31 मार्च 2025 प्रातः 09:11 बजे - 01 अप्रैल 2025 प्रातः 05:42 बजे
कृष्ण पक्ष तृतीया
बुधवार, 16 अप्रैल 2025
15 अप्रैल 2025 सुबह 10:56 बजे - 16 अप्रैल 2025 दोपहर 01:17 बजे
शुक्ल पक्ष तृतीया (अक्षय तृतीया)
बुधवार, 30 अप्रैल 2025
29 अप्रैल 2025 शाम 05:31 बजे - 30 अप्रैल 2025 दोपहर 02:12 बजे
कृष्ण पक्ष तृतीया
गुरुवार, 15 मई 2025
15 मई 2025 प्रातः 02:29 बजे - 16 मई 2025 प्रातः 04:03 बजे
शुक्ल पक्ष तृतीया
गुरुवार, 29 मई 2025
29 मई 2025 प्रातः 01:54 बजे - 29 मई 2025 प्रातः 11:18 बजे
कृष्ण पक्ष तृतीया
शनिवार, 14 जून 2025
13 जून 2025 अपराह्न 03:19 बजे - 14 जून 2025 अपराह्न 03:47 बजे
शुक्ल पक्ष तृतीया
शनिवार, 28 जून 2025
27 जून 2025 प्रातः 11:19 बजे - 28 जून 2025 प्रातः 09:54 बजे
कृष्ण पक्ष तृतीया
रविवार, 13 जुलाई 2025
13 जुलाई 2025 प्रातः 01:46 बजे - 14 जुलाई 2025 प्रातः 01:03 बजे
शुक्ल पक्ष तृतीया
रविवार, 27 जुलाई 2025
26 जुलाई 2025 रात्रि 10:42 बजे - 27 जुलाई 2025 रात्रि 10:42 बजे
कृष्ण पक्ष तृतीया
मंगलवार, 12 अगस्त 2025
11 अगस्त 2025 प्रातः 10:34 बजे - 12 अगस्त 2025 प्रातः 08:41 बजे
शुक्ल पक्ष तृतीया
मंगलवार, 26 अगस्त 2025
25 अगस्त 2025 दोपहर 12:35 बजे - 26 अगस्त 2025 दोपहर 01:55 बजे
कृष्ण पक्ष तृतीया
बुधवार, 10 सितम्बर 2025
09 सितंबर 2025 शाम 06:29 बजे - 10 सितंबर 2025 शाम 03:38 बजे
शुक्ल पक्ष तृतीया
बुधवार, 24 सितम्बर 2025
24 सितंबर 2025 प्रातः 04:52 बजे - 25 सितंबर 2025 प्रातः 07:06 बजे
कृष्ण पक्ष तृतीया
गुरुवार, 09 अक्टूबर 2025
09 अक्टूबर 2025 प्रातः 02:23 बजे - 09 अक्टूबर 2025 प्रातः 10:54 बजे
शुक्ल पक्ष तृतीया
शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2025
23 अक्टूबर 2025 रात्रि 10:47 बजे - 25 अक्टूबर 2025 प्रातः 01:20 बजे
कृष्ण पक्ष तृतीया
शनिवार, 08 नवंबर 2025
07 नवंबर 2025 सुबह 11:05 बजे - 08 नवंबर 2025 सुबह 07:32 बजे
शुक्ल पक्ष तृतीया
रविवार, 23 नवंबर 2025
22 नवंबर 2025 शाम 05:11 बजे - 23 नवंबर 2025 बजे शाम 07:25 बजे
कृष्ण पक्ष तृतीया
रविवार, 07 दिसम्बर 2025
06 दिसंबर 2025 रात 09:26 बजे - 07 दिसंबर 2025 शाम 06:25 बजे
शुक्ल पक्ष तृतीया
मंगलवार, 23 दिसंबर 2025
22 दिसंबर 2025 सुबह 10:52 बजे - 23 दिसंबर 2025 दोपहर 12:13 बजे