श्री हनुमान बालाजी मंदिर दिल्ली विवके विहार में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण कार्य सन् 10.04.1998 शुरू किया था। यह मंदिर इस समय पूरी तरह से प्रतिष्ठित है तथा यहाँ पर चांदी व सफेद पत्थर में बारीक खुदाई करके चित्रों एवं आकृतियों द्वारा मंदिर भवन का विभिन्न प्रकार से भव्य श्रृंगार कार्य अभी तक चल रहा है। इस मंदिर में प्रभु के विभन्न रूपों को मूर्ति कला द्धारा प्रस्तुत किया गया है।
मंदिर निर्माण में प्रख्यात वास्तुकार एवं शिल्पकार सहयोग कर रहे हैं। मंदिर के निर्माण कार्य के लिए उत्तम राजस्थानी सफेद पत्थर इस्तेमाल हो रहा है। मंदिर भवन लगभग 12000 वर्ग फीट का है। ऐसा माना जाता है कि इसके निर्माण में तकरीबन 15 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है और मंदिर के गर्भगृह एवं शयन कक्ष में समस्त प्रष्ठभूमि पर शुद्ध चांदी से श्री हनुमान बालाजी से सम्बन्धित विविध चित्र दर्शित होंगे।
श्री हनुमान बालाजी मंदिर में भक्त हमेशा मनचाही इच्छा की पूर्ति आते रहते है परन्तु प्रत्येक मगंलवार को भक्तों बड़ी संख्या श्री हनुमान के दर्शन व इच्छा पूर्ति के लिए आते है। भक्तों के स्वागत के लिए मंदिर में काफी अच्छा प्रबंधन किया गया है। हनुमान जयन्ती के पर्व पर मंदिर को सुन्दर फुलों व लाइटों से सजाया जाता है।
मंदिर में श्री तुलसी जी के अति पावन पौधों से एक अत्यंत सुंदर व शान्त उद्यान परिसर में बनाया गया है। जो कि भगवान श्री कृष्ण की रासलीला की झांकी तथा जलप्रपात के निकट होने से अत्यन्त रमणीक स्थल हो गया है।
श्री हनुमान बालाजी मंदिर में शुद्ध 40 किलो चाँदी की श्री हनुमान जी की पूर्ण कद की प्रतिमा है जिसका अभिषेक नियमित रूप से किया जाता है। यह मूर्ति विश्व में अद्वितीय है। इतनी बड़ी और इस रूप की अन्य मूर्ति कहीं पर नहीं है। इस मूर्ति का निर्माण चांदी के कुशल शिल्पकार श्री राजेन्द्र कुमार जी के संरक्षण में वाराणसी में वर्ष 2000 में हुआ तथा 16.06.2000 को मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा मंदिर में हुई।
यह मूर्ति भगवान द्वारा भक्त को विनम्रता के भाव में रहने को सदैव प्रेरित करती है। मूर्ति का अभिषेक दूध, दही, घी, शहद, बूरा, गंगाजल, गौमूत्र, गोबर, चावल, तुलसीदल, पुष्प एवं मंत्रोच्चारण द्वारा होता है। जिसमें लगभग 1 घंटे का समय लगता है। ऐसा माना जाताह कि इस तरह से श्री हनुमान बालाजी का अभिषेक करने से महाकाल शिव भगवान के अभिषेक का भी पूरादृपूरा प्रसाद मिला है, तथा मनवांछित फल प्राप्त होता है, क्योंकि श्री हनुमान जी रूद्र अवतार हैं और यह एकमात्र स्थान है जहाँ पर श्री बालाजी का इस प्रकार अभिषेक होता है। अन्य स्थानों पर प्रायः बालाजी की मूर्ति पर चोला चढ़ता है पर इस मूर्ति का अभिषेक होता है।
श्री हनुमान बालाजी मंदिर एक ओर कारण से प्रसिद्ध है यह पर प्रत्येक रविवार को पथरी की दवाई दी जाती है जिसको लेने के लिए भारत के कई राज्यों से रोगी आते हैं।