बह्मा सरोवर थानेसर, कुरूक्षेत्र हरियाणा में स्थित एक पवित्र सरोवर है। ऐसा हिन्दू धर्म में माना जाता है कि इस सरोवर में स्नान करने से बहारी और आन्तरिक शरीर पवित्रा होता है। ब्रह्मा सरोरव का नाम भगवान ब्रह्मा के नाम से लिया गया है जो कि पूरे ब्रह्मांड के रचनाकार है।
ऐसा माना जाता है कि इस कुण्ड की खुदाई राजा कुरू ने करवाई थी जोकि पाडव और कौरवे के पूर्वज थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने कुरूक्षेत्र को विशाल यज्ञ से निर्मित किया गया था। ब्रह्मा सरोवर स्नान करने के लिए भारत के सभी राज्यों से श्रद्धालु आते है।
स्थानीय परंपरा के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय इस सरोवर में स्नान करने से ग्रहण का असर व्याक्ति के जीवन में कम हो जाता है तथा सूर्य ग्रहण के समय इस सरोवर में लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए आते है। गीता जयंती के अवसर पर भी लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए आते है।
ऐसा भी माना जाता है कि ब्रह्मा सरोवर में स्नान करने से उतना पुण्य मिलता है जितना कि अश्वमेघ यज्ञ करने के बाद मिलता है। यह कुण्ड 1800 फीट लम्बा और 1400 फीट चौडा है। ब्रह्मा सरोवर भारत का सबसे बडा मानव निर्मित सरोवर है। यह सरोवर दो भागों में बाटा हुआ है, सरोवर के बीच में भगवान शिव और मां काली का मंदिर भी है तथा शिव मंदिर में एक पुल के माध्यम से जाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव लिंग की स्थापना खुद भगवान ब्रह्मा द्वारा किया गया था। यहां भगवान श्रीकृष्णा अर्जुन को गीता के उपदेश देते हुये बहुत विशाल व सुन्दर प्रतिमा है। सरोवर के चारो ओर पक्के घाट बने हुए है जहां श्रद्धालु स्नान कर सकते है तथा इस सरोवर की गहराई काफी है इसलिए जगह जगह चेतावनी बोड भी लगाये गये है।
नबंवर में गीता जयंती के दौरान सुंदर दिखता है और दिसम्बर के शुरू में यहां दीपदान का आयोजन किया जाता है जिसमें पानी में जलती हुए दीपों को बहाया जाता है तथा इस समय, यहां प्रवासी पक्षी भारी संख्या में आते है।